बैंकों पर धड़ाधड़ साइबर हमले हो रहे हैं. एक के बाद एक बैंकों को निशाना बनाया जा रहा है. आरबीआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है. एक साल में ही 16 हजार से ज्यादा साइबर हमले हो चुके हैं. यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सबसे ज्यादा साइबर हमले हो रहे हैं. जबकि दूसरी ओर देश को कैशलेस बनाने का अभियान चल रहा है.
हाल ही में आरबीआई ने एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट की मानें तो एटीएम-डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट और मोबाइल बैंकिंग से जुड़े 16468 मामले सामने आए हैं. ये सभी साइबर हमले हैं. ये हमले सभी राज्यों की अलग-अलग बैंकों में हुए हैं. साइबर हमलों की ये वो संख्या है जिसकी शिकायत बैंकों के पास भी दर्ज है.
जिस राज्य में बैंकों पर सबसे ज्यादा साइबर हमले हुए हैं उसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं. दो साल पहले देश में 2013-14 में 9500 और 2014-15 में 13083 और 20115-16 में 16468 साइबर हमले बैंकों पर हुए थे. ये साइबर हमले उस वक्त और खतरनाक हो जाते हैं जब देश में नगद लेनदेन छोड़ कार्ड और मोबाइल-इंटरनेट बैकिंग से खरीदारी की बात चल रही है.
इस बारे में क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन बताते हैं कि लेन-देन के कैशलेस वाले जिस बाजार में हम जा रहे हैं वहां इस तरह के हमले हमे और डराने वाले हैं. खासतौर से हम भारतीय पासवर्ड शब्द को लेकर अभी उतने सजग नहीं हुए हैं. एक फोन कॉल पर ही हम किसी को भी बैंक खाते और क्रेडिट-डेबिट कार्ड के बारे में जानकारी दे देते हैं.
तीन साल में पकड़े गए साइबर अपराधी
साइबर अपराध होने के साथ ही साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस भी चुस्त नजर आई. अगर साइबर अटैक का खतरा बढ़ा तो हर साल पकड़े जाने वाले साइबर अपराधियों की संख्या भी बढ़ी. वर्ष 2013 में 3301, 2014 में 5752 और 2015 में 8121 साइबर अपराधी पकड़े गए.
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