3 राज्यों में ही नहीं पूरे देश में चढ़ा रंग केसरिया, 2014 से 2018 तक में बदल गया राजनीतिक नक्शा - JBP AWAAZ

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Monday, 5 March 2018

3 राज्यों में ही नहीं पूरे देश में चढ़ा रंग केसरिया, 2014 से 2018 तक में बदल गया राजनीतिक नक्शा

ई दिल्ली 'शून्य से शिखर तक' यह वह शब्द थे, जो पीएम नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावों में बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बाद कही थी. हालांकि, यह शब्द सिर्फ इन तीनों राज्यों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि अगर 2014 की तुलना में आज देश का राजनीतिक नक्शा देखें तो वह लगभग केसरिया नजर आएगा.

सिर्फ त्रिपुरा ही नहीं बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर मेघालय और नगालैंड में भी सरकार बनाने की दावेदारी कर दी है. ऐसे में अगर वह सफल होती है तो देश के 21 राज्यों में एनडीए या उसे समर्थन देने वाली पार्टी की सरकार हो जाएगी. एक तरफ नगालैंड के राज्यपाल ने मौजूदा सीएम और एनपीएफ नेता टीआर जेलियांग को बहुमत साबित करने के लिए 48 घंटे का समय दिया है. वहीं राज्यपाल पीबी आचार्य ने एनडीपीपी नेता नेफियू रियो को 32 विधायकों के समर्थन वाला पत्र लाने को कहा है.

वहीं, मेघालय में बीजेपी की सहयोगी नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के पास 19 सीटें हैं. 6 सीटें जीतने वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), 4 सीटें पाने वाली पीडीएफ, 2 सीटें जीतने वाली एचएसपीडीपी और एक निर्दलीय विधायक भी एनपीपी को समर्थन दे रही हैं. एनपीपी के नेता कोनराड संगमा ने रविवार शाम को राज्यपाल को इन सभी पार्टियों के विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी. हालांकि यहां सत्ताधारी कांग्रेस 21 सीटें जीतकर अकेली सबसे बड़ी पार्टी बनी है.

वहीं अगर तीनों राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगियों की सरकार बनती है तो सिर्फ तमिलनाडु(AIADMK) , केरल(एलडीएफ) , कर्नाटक(कांग्रेस) , मिजोरम(कांग्रेस) , पंजाब(कांग्रेस), ओडिशा (BJD), पश्चिम बंगाल(तृणमूल कांग्रेस) और तेलंगाना(टीआरएस) ही वह बचे हुए राज्य हैं, जहां अभी दूसरी पार्टियों की सरकार है.

2014 से तुलना करें तो बीजेपी की उस समय केवल सिर्फ सात राज्यों में सरकार थी. वहीं कांग्रेस 13 राज्यों में शासन कर रही थी. हालांकि 2018 में यह तस्वीर बदल गई है. अगर बीजेपी तीनों राज्यों में सरकार बनाने में सफल हुई तो वह 21 राज्यों में सत्ता में आ जाएगी जबकि कांग्रेस गिरकर सिर्फ 3 राज्यों में सिमट जाएगी. देश में ऐसा पहली बार होगा जब किसी एक पार्टी की देश के इतने राज्यों में राज होगा.

पूर्वोतर राज्यों में सिर्फ मिजोरम ही बीजेपी के शासन से बाहर बचा हुआ रह जाएगा. हालांकि यह तस्वीर भी साल के अंत तक बदल सकती है, जब यहां विधानसभा के चुनाव होंगे.

यही वजह है कि एक बार फिर विपक्षी खेमे में थर्ड फ्रंट बनाने की चर्चा शुरू हो गई है. इसे तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने हवा दी है. उन्होंने कहा है कि इस समय बीजेपी और कांग्रेस के एक विकल्प की जरूरत है. ममता बनर्जी ने भी उनकी बातों का समर्थन किया है.

वहीं बीजेपी की नजर केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और कर्नाटक में भी सरकार बनाने पर है. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव तक और कितने राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब होती है और अपने सपने कांग्रेसमुक्त भारत के कितने करीब पहुंच पाती है.

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