जाधव की मां-पत्नी के साथ जाना था, नहीं दिया महिला राजनयिक को वीजा - JBP AWAAZ

Wednesday, 27 December 2017

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जाधव की मां-पत्नी के साथ जाना था, नहीं दिया महिला राजनयिक को वीजा

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पाकिस्तान में कैद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव से परिवार की मुलाकात को भले ही राहत के तौर पर देखा जा रहा हो, लेकिन पाकिस्तान ने अपने रवैये से एक बार फिर अपनी असलियत दिखा दी है. पाकिस्तान ने कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ जो बर्ताव किया और जाधव परिवार को मिलाया गया उससे पहले ही पाकिस्तान ने अपनी मंशा जाहिर कर दी थी.

दरअसल, सोमवार को कुलभूषण से मिलने पाकिस्तान पहुंची उनकी मां और पत्नी के साथ भारतीय एजेंसियां एक महिला राजनयिक को भेजना चाहती थीं. अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, भारत ने इसकी कोशिश भी की और अपनी एक महिला राजनयिक को जाधव की पत्नी और मां के साथ पाकिस्तान जाने देने के लिए वीजा की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने इससे इनकार कर दिया. हालांकि, इस्लामाबाद में कुलभूषण की मां और पत्नी के साथ एक पाकिस्तानी महिला अधिकारी जरूर नजर आईं.

नहीं दिया राजनयिक एक्सेस

इस मुलाकात में पाकिस्तान ने भारत को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया. हालांकि, जब जाधव से उनका परिवार मिला तो भारतीय उच्चायोग का एक अधिकारी वहां मौजूद था. लेकिन उन्हें जाधव की मां और पत्नी की मीटिंग स्पॉट से दूर रखा गया.

इस मुलाकात के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई. प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि सुरक्षा के नाम पर कुलभूषण की पत्नी-मां के मंगलसूत्र, बिंदी, कपड़े तक को बदलवा दिया गया. जब भी वो कुलभूषण की मां अपने बेटे से अपनी भाषा मराठी में बात करने की कोशिश करती थीं, उन्हें बार-बार टोक दिया जाता था. यहां तक की उनके जूते भी नहीं लौटाए गए.

हालांकि, मंगलवार शाम पाकिस्तान ने भारत की इन दलीलों को खारिज कर दिया कि कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी को परेशान किया गया. पाकिस्तान ने दावा किया कि कुलभूषण की पत्नी के जूते सुरक्षा कारणों से जब्त किए गए थे, क्योंकि उसमें कुछ था.

पाक विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान शब्दों की बेमतलब लड़ाई में शामिल नहीं होना चाहता और कुलभूषण की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात के दौरान अधिकारियों के रवैये के बाबत भारत के बेबुनियाद आरोपों और तोड़े-मरोड़े गए तथ्यों को खारिज करता है.

बता दें कि पाकिस्तान ने भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव पर आतंक की साजिश रचने और तोड़फोड़ करने का आरोप लगाते हुए 3 मार्च, 2016 को ईरान सीमा से गिरफ्तारी का दावा किया था.  इसके बाद 10 अप्रैल 2017 को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने साढ़े 3 महीने चले केस की सुनवाई के बाद कहा कि जाधव को फांसी दी जाएगी. सैन्य अदालत ने उन्हें जासूसी करने और तोड़फोड़ करने जैसे गतिविधियों का दोषी पाया. जिसके बाद भारत की अपील पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने पाक सैन्य अदालत के फैसले पर रोक लगा दी.

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