आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच चल रही मुलाकात खत्म हो गई है. दोनों के बीच राम मंदिर मुद्दे पर बात हुई, ये मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली. बुधवार को ही श्री श्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के बाद कई अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे. इनमें दिगंबर अखाड़ा, निर्मोही अखाड़ा, राष्ट्रीय मुस्लिम मंच, शिव सेना, हिंदू महासभा के अलावा विनय कटियार से भी मुलाकात का भी कार्यक्रम है.
इन चार मुद्दों पर रहेगा फोकस -
- बाबरी मस्जिद और राम मंदिर के मुद्दों पर अलग-अलग पक्षों से बात करने का क्या रोडमैप होगा?
- हल निकालने के लिए दोनों तरफ से किसको शामिल किया जाएगा?
- बातचीत के बाद राज्य और केंद्र सरकार का क्या रोल रहेगा?
- आखिरी मसौदा किस तरह तैयार होगा और कोर्ट में किस रूप में पेश होगा?
राजनीतिक हस्तक्षेप से हल निकलना मुश्किल
श्री श्री रविशंकर से मुलाकात को लेकर फिरंगी महली के खालिद रश्दी फिरंगी का कहना है कि वह एक बड़े आध्यात्मिक गुरू हैं, हम उनका सम्मान करते हैं. अगर उनके पास इस मुद्दे का कोई हल है तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के सामने इसका हल रखना चाहिए. लेकिन अगर इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप होता है तो इसका हल निकलना मुश्किल हो जाएगा. खालिद रश्दी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड कोर्ट के फैसले के आधार पर काम करेगा, हमें किसी तरह का कोई पत्र नहीं मिला है.
ओवैसी ने किया था वार
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर मुद्दे पर श्री श्री रविशंकर पर वार किया है. उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर झूठ बोल रहे हैं, वह मुस्लिम पर्सनल लॉ से नहीं मिले हैं. ओवैसी ने कहा कि ऐसा करके उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा.
श्री श्री रविशंकर के राम मंदिर विवाद को बातचीत से सुलझाने के मामले में केंद्र सरकार ने दूरी बना ली है. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बाज नकवी का कहना है कि विवाद को लेकर श्री श्री रविशंकर जो मध्यस्थता कर रहे हैं, उसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है. उनका कहना है कि अगर ये मामला बातचीत से सुलझता है तो अच्छी बात है.
16 नवंबर को श्रीश्री रविशंकर अयोध्या जा रहे हैं. वहां वे रामलला के दर्शन करेंगे, अलग-अलग अखाड़ों और संतों से मुलाकात करेंगे और साथ ही अन्य पक्षकारों से भी मुलाकात कर सकते हैं. अयोध्या से लौटने के बाद योगी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा कई मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ श्रीश्री रविशंकर से मिलेंगे.
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का मसौदा भी तैयार है जिसमें सुलह के फॉर्मूले को सामने रखा गया है. शिया बोर्ड का कहना है कि वह मस्जिद को अयोध्या और फैजाबाद से बाहर बनाने को तैयार है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या से निकाय चुनाव प्रचार की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि राम के बगैर भारत में कोई काम नहीं हो सकता है, राम हमारी आस्था के प्रतीक हैं भारत की पूरी आस्था के केंद्र बिंदु हैं. योगी ने कहा कि हम अयोध्या को उसका गौरव वापस दिला कर रहेंगे.
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