नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को कोर्ट ने 2 सप्ताह के लिए टाल दिया है। गुरूवार को लाल कृष्ण आडवाणी के वकील ने अपना पक्ष रखने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। आडवाणी के वकील का कहना है कि वो किसी दूसरे केश में व्यस्त है जिसके कारण वो इस केस पर ज्यादा काम नहीं कर सकें हैं, जिस पर कोर्ट ने विचार करते हुए कहा कि हुई सुनवाई में कोर्ट ने सभी पार्टियों से अपना पक्ष लिखित रुप में कोर्ट में दें जिसके बाद ही अब इस मामले की सुनवाई की जाएगी।
पिछले में आदेश में कोर्ट ने क्या कहा
पिछली सुनवाई में बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक मुकदमे में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताते हुए पूछा था कि क्या लखनऊ और रायबरेली के मुकदमों को एक ही कोर्ट में चलाया जा सकता है।
मामले में भाजपा के कई दिग्गजों के नाम
लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, बाल ठाकरे, उमा भारती, अशोक सिंघल, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया, गिरिराज किशोर, साध्वी ऋतंभरा, महंत अवैद्यनाथ, रामविलास वेदांती, महंत नृत्य गोपाल दास, परमहंस रामचंद्र दास, बी एल शर्मा ‘प्रेम’, सतीश प्रधान, सी आर बंसल, सतीश नागर, मोरेश्वर सावे,जगदीश मुनि महाराज, धरम दास पर आईपीसी की धारा 120B (आपराधिक साज़िश), 153A (समाज में वैमनस्य फैलाना) 153B (राष्ट्रीय अखंडता को खतरे में डालना) और 505 (अशांति और उपद्रव फ़ैलाने की नीयत से झूठी अफवाहें फैलाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इलाहाबाद कोर्ट का फैसला
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है । हाईकोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त किया था।
सजा को उमा मानेंगी प्रसाद
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बाबरी मस्जिद मामले में बड़ा बयान दिया है। उमा ने कहा कि उन्होंने अयोध्या आन्दोलन में हिस्सा लिया था और बाबरी मस्जिद विध्वंश मामले में यदि उन्हें कोई सजा हुयी तो उसे वह भगवान का प्रसाद मानकर स्वीकार करेंगी।
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