नई दिल्ली। योग और तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम धर्म गुरु और सरकार अपने तर्क देने में लगी है। इन दोनों ही मुद्दों पर समुदाय की मुस्लिम महिलाएं अब अपने धर्म को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहती हैं। तीन तलाक पर तो पहले ही महिलाओं ने बगावती रुख दिया है। अब महिलाएं योग की क्लासेज ज्वाइन करने जा रही हैं।
हालांकि मुस्लिम धर्मगुरूओं ने योग पर अपनी आपत्ति जाहिर की। खासकर, सूर्य नमस्कार को लेकर और उसे इस्लाम के खिलाफ करार दिया।
अहमदबाद की मुस्लिम महिलाएं अपने आपको फिट रखने के लिए योग सीखने जा रही हैं। एक एनजीओ की तरफ से योग कक्षा की शुरुआत होने जा रही है। करीब 32 मुस्लिम महिलाओं ने अपना दाखिला कराया है।
अगले हफ्ते से खानपुर के एक निजी परिसर में योग की क्लासेज शुरू हो जाएगी। कांग्रेस की खानपुर से निगम पार्षद अजरा कादरी भी यहां पर दाखिला लेने वाली महिलाओं में शामिल हैं।
कादरी ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। जबकि, गैर सरकारी संस्था की फरहत जहान सैयद ने कहा योग मुस्लिम महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति और जागरुक करेगा।
योग की क्लासेज में सूर्य नमस्कार
उन्होंने कहा, मैं सूर्य नमस्कार करने में कुछ बुरा नहीं मानती हूं क्योंकि यह कोई प्रार्थना नहीं है बल्कि यह 12 आसन का संयुक्त रूप है। बता दें कि पिछले साल उस वक्त विवाद पैदा हो गया था जब कुछ मुस्लिम धर्मगुरूओं ने योग पर अपनी आपत्ति जाहिर की। खासकर, सूर्य नमस्कार को लेकर और उसे इस्लाम के खिलाफ करार दिया।
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