लखनऊ। योगी के राज में अधिकारियों को हटाने की होड़ मची हुई है। पहले योगी ने हजरतगंज थाने का औचक निरीक्षण करके पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। अब सस्पेंड होने की सूची में एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी शुमार हो गया है। बताया जा रहा है कि आईपीएस हिमांशु कुमार को उनके ट्वीट के कारण निलंबित किया गया है। योगी के सत्ता में आने के बाद किसी बड़े अफसर का यह पहला निलंबन बताया जा रहा है।
गत बुधवार को हिमांशु कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था, ‘यहां वरिष्ठ अधिकारियों में यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड या लाइन हाजिर करने की होड़ मची है।’ ट्विट के जरिए हिमांशु ने सवाल किया था कि आखिर क्यों डीजीपी ऑफिस अधिकारियों को जाति के नाम पर लोगों को सजा देने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
हिमांशु के इस ट्विट पर काफी लोगों ने एक के बाद एक रीट्वीट किए और ये जल्द ही यूपी की जनता और अधिकारियों में काफी पॉपुलर हो गय़ा। कुछ लोगों का कहना है कि हिमांशु को य़ोगी के खिलाफ ट्विट करने के कारण हटाया गया है तो कोई शख्स कह रहा है कि हिमांशु को अनुशासहीनता के आरोप में बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
बताया जा रहा है कि हिमांशु कुमार खुद यादव परिवार के सांसदों और कद्दावर नेताओं की पैरवी करते थे। इसलिए उन्हें मनचाहे ज़िलों में तैनाती मिलती रही। किसी की हिम्मत नहीं थी कि उन्हें ज़िले से हटा दे।
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