मध्यप्रदेश में अब हैंडलिंग,डिपो और लॉजिस्टिक चार्ज वसुलने वाले वाहन डीलर और शो रुम संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दरअसल,इस चार्ज को वसुलना गैर कानूनी है. लेकिन शो रुम संचालक इस खर्च को भी ग्राहकों के सिर मढ़ देते है. इसका खुलासा विधानसभा में उठे सवाल के जबाव में राज्य सरकार ने दिया है.
वहीं,अब इंदौर के परिवहन उपायुक्त को पूरे प्रदेश का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है. जो कि शिकायत मिलने पर हैंडलिंग,डिपो और लॉजिस्टिंक चार्ज वसुलने वाले शो रुम संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.आप अगर दोपहिया या चार पहिया वाहन खरीदने जा रहे है और डीलर या शो रुम संचालक हैंडलिंग,डिपो चार्ज या लॉजिस्टिंक टैक्स यानी फैक्टरी से शोरुम तक का किराया लेता है. तो ये गैरकानूनी है. इसका खुलासा हाल ही के विधानसभा सत्र में उठे सवाल के जवाब में सरकार ने दिया है.
वहीं,इस तरह की शिकायतों के निराकरण के लिए इंदौर के परिवहन उपायुक्त को पूरे मध्यप्रदेश का नोडल अधिकारी बनाया गया है...अगर कोई वाहन डीलर ग्राहक से अतिरिक्त शुल्क की मांग करता है.तो ग्राहक सीधे इनसे शिकायत कर सकता है..चार पहिया वाहनों पर लॉजिस्टिक और डिपो पार्किंग के चार्ज के नाम पर करीब 10 हजार रुपए और दो पहिया वाहनों पर करीब 2 हजार रुपए लिया जाता है. कई बार इस टैक्स का जिक्र कोटेशन में किया जाता है. तो कई बार इस चार्ज को छुपा कर शोरुम प्राइज में जोड़ दिया जाता है और इसके बाद रोड टैक्स और इंश्योरेंस की कीमत जोड़कर ऑन रोड़ प्राइज बताई जाती है.
इस तरह के टैक्स की जानकारी अमुमन बहुत कम लोगों को रहती है. इधर अधिकारियों के मुताबिक इस तरह की शिकायत कोई नहीं करता था. लेकिन शिकायत मिलने पर शो रुम संचालकों के खिलाफ लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी.फिलहाल,नोडल अधिकारी बनाकर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. लेकिन अचरज इस बात का है. कि ये चार्ज कई सालों से वसुला जा रहा है. इस बात की जानकारी परिवहन विभाग को भी होगी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब जाकर नींद टूटी है.
वहीं,इस तरह की शिकायतों के निराकरण के लिए इंदौर के परिवहन उपायुक्त को पूरे मध्यप्रदेश का नोडल अधिकारी बनाया गया है...अगर कोई वाहन डीलर ग्राहक से अतिरिक्त शुल्क की मांग करता है.तो ग्राहक सीधे इनसे शिकायत कर सकता है..चार पहिया वाहनों पर लॉजिस्टिक और डिपो पार्किंग के चार्ज के नाम पर करीब 10 हजार रुपए और दो पहिया वाहनों पर करीब 2 हजार रुपए लिया जाता है. कई बार इस टैक्स का जिक्र कोटेशन में किया जाता है. तो कई बार इस चार्ज को छुपा कर शोरुम प्राइज में जोड़ दिया जाता है और इसके बाद रोड टैक्स और इंश्योरेंस की कीमत जोड़कर ऑन रोड़ प्राइज बताई जाती है.
इस तरह के टैक्स की जानकारी अमुमन बहुत कम लोगों को रहती है. इधर अधिकारियों के मुताबिक इस तरह की शिकायत कोई नहीं करता था. लेकिन शिकायत मिलने पर शो रुम संचालकों के खिलाफ लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी.फिलहाल,नोडल अधिकारी बनाकर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है. लेकिन अचरज इस बात का है. कि ये चार्ज कई सालों से वसुला जा रहा है. इस बात की जानकारी परिवहन विभाग को भी होगी. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब जाकर नींद टूटी है.
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