लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही यूपी में प्रशासन अवैध मीट कारोबारियों के ख़िलाफ तेजी से कार्रवाई में क्या लगा कि वेज और नानवेज दोनों खेमों में हलचल मच गई। लोगों को भी आखिर कोई तो मसला तो चाहिए था और वो मुद्दा योगी जी ने दे दिया।
वहीं सोशल मीडि़या पर इस बात की भी जबरदस्त चर्चा हो रही है कि बिहार में शराब बंदी है और यूपी में अघोषित मांस बंदी है। ऐसे में दोनों प्रदेश के शौकीन बार्डर एरिया पर जाकर दोनों बैन आइटमों का लुफ्त ले सकते हैं।
वहीं वेज और नॉन वेज की जंग में देश की शान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आजादी के लिए जोश भरने वाले नारे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा की तर्ज पर यूपी व बिहारियों के बीच ये नारा आम हो रहा है कि तुम हमें मांस दो, हम तुम्हे शराब देंगे।
सोशल मीडिया में चर्चा आम है कि यूपी में अब चिडि़याघरों के शेरों का भी मेन्यू बदल दिया गया है। रोज आठ से दस किलो मांस खाने वाले शेर और बाघ पालक पनीर और देशी नस्ल की गाय का दूध पीकर अपनी सेहत बना रहे हैं।
योगी प्रशासन के इस कदम से लखनऊ का मशहूर रेस्त्रां टुंडे कबाबी भी एक दिन के लिए बंद रहा। इसके पीछे रेस्त्रा की ओर से कारण स्पष्ट नहीं किया गया। लेकिन खालिश भाजपाई नेता कह रहे हैं कि मीट के अवैध कारोबार पर लगाम लगाई गई है। ऐसे में रेस्त्रां टुंडे कबाबी क्यों बंद हुआ इसका कारण सब को समझ में आ जाना चाहिए।
कुछ लोग मीट के अवैध कारोबार पर कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं तो कुछ छुटभैये नेता कह रहे हैं कि मीट खाने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। वहीं कुछ ने ट्वीट किया कि अवैध मीट खाने की स्वतंत्रता चाहिए या वैध मीट बात स्पष्ट होनी चाहिए।
एक खालिश पंडित भाई ने ट्वीट किया, मैं लखनऊ से हूं और जानता हूं कि टुंडे कबाब वाले अवैध बूचड़खानों से आधे दामों में मीट खरीदते थे। इसके लिए टैक्स भी नहीं देते थे, जबकि ग्राहकों से पूरा टैक्स वसूल कर सरकार को भी चूना लगाते थे।
पेशे से पत्रकार मिश्रा जी ट्विटर पर फरमाते हैं कि कबाब पर कोई रोक नहीं लगी है. चाहे टुंडे बनाएं या पांडे। अगर अवैध बूचड़खाने की वजह से कच्चा माल सस्ता था तो कबाब महंगा कर दें। अवैध के साथ न जाएं। नहीं तो बुरे काम का बुरा नतीजा होता है।
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