नईदिल्ली। लगभग 54 कंपनी सेक्रेटरी और चार्टर्ड आकउंटेंट पर गाज गिर सकती है। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने इन पर जांच का शिकंजा कसा है। इन लोगों पर आरोप है कि ये फर्जी कंपनियां संचालित कर गलत तरह से आर्थिक व्यवहार करते थे। इस तरह से इन पर मनी लाॅन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है।
ईडी की जांच के घेरे में आने वाले प्रोफेशनल्स को 11 करोड़ रूपए के घपले में कार्रवाई का सामना करना होगा। प्रवर्तन निदेशालय ने 4 दिन पूर्व वीरेंद्र जैन और सुरेंद्र जैन को पकड़ लिया था। माना जा रहा है कि आरोपियों पर मनी लाॅन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकार द्वारा देशभर में इस तरह की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
गौरतलब है कि ईडी और आयकर विभाग द्वारा नोटबंदी के दौरान भी बड़े पैमाने पर प्रोफेशनल्स पर कार्रवाई गई थी। अब सरकार इन पर कार्रवाई कर मनी लाॅन्ड्रिंग की जांच करने में लगी है। बड़े पैमाने पर अनुपातहीन संपत्ती भी ईडी व आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान जब्त की थी और इस तरह के प्रोफेशनल्स के यहां से लाॅकर्स और मकान के अन्य स्थानों में धन बरामद हुआ था। जिसमें बड़े पैमाने पर नए और पुराने नोट शामिल थे।
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