जहाँ एक और कुपोषण के कलंक ने प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करके रख दिया है वही दूसरी और प्रशासनिक अमला इस कलंक को मिटाने कितना मुस्तैद है इसकी बानगी नरसिंहपुर के इन आंकड़ों से बखूबी समझा जा सकता है।
जहाँ अप्रैल 2016 से 21 मार्च 2017 तक जिले भर से 12546 बच्चे कुपोषित पाये गये जिनमे 11262 कम वजन के और 1285 अति कुपोषित पाये गये वावजूद इसके जहाँ एक और मुख्या चिकित्सा अधिकारी आंकड़ो से अंजान है तो महिला एवं बाल विकास के अपने बहाने है।
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