अमित शाह के एक फोन से सुलझा गुजरात का सियासी संकट - JBP AWAAZ

Monday, 1 January 2018

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अमित शाह के एक फोन से सुलझा गुजरात का सियासी संकट

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गांधीनगर । साल के आखिरी दिन गुजरात के सियासी ड्रामे का रविवार सुबह अमित शाह के एक फोन ने सुखद अंत ला दिया। दिग्गज पाटीदार नेता नितिन पटेल ने उपमुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया तथा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मिलने उनके बंगले पहुंचे। नितिन ने आलाकमान का धन्यवाद देते हुए कहा कि भाजपा के विशवास को और मजबूत करेंगे। 

गुजरात सरकार में वित्त, शहरी विकास व पेट्रोकेमिकल विभाग छिन जाने से नाराज नितिन ने रविवार सुबह आलाकमान के आश्वासन के बाद स्वर्णिम संकुल जाकर दफ्तर में ही मां उमिया की पूजा कर पदभार ग्रहण कर लिया। शाह ने उन्हें गरिमा के अनुकूल मंत्रालय दिए जाने का भरोसा दिया है। 

इस बीच नितिन ने बीते 48 घंटे में सियासी संकट में उन्हें मिले तमाम आॅफर नकारते हुए कहा कि वे भाजपा से अलग होने की बात सोच भी नहीं सकते। उन्होंने कांग्रेस पर सियासी संकट का लाभ उठाने का भी आरोप जडा। उन्होंने कहा कांग्रेस का आॅफर राजनीति से प्रेरित थी। नितिन ने अपने काम से भाजपा आलाकमान का दिल जीतने का दावा करते हुए कहा कि खराब से खराब हालात में भी वे भाजपा से अलग होने की बात नहीं सोच सकते हैं, भाजपा में हूं और रहूंगा। उन्होंने कहा आज तक जितने सीएम के साथ काम किया पूरी  लगन, निष्ठा, विवेक व अनुशासन में रहकर काम किया,इस सरकार में भी वह दूध में शक्कर की तरह मिलकर काम करेंगे। 

नितिन ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी तथा अन्य किसी मंत्री से कोई मतभेद होने से साफ इनकार किया। वे बोले की यह नाराजगी सत्ता के लिए नहीं आत्म सम्मान की थी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी उसकी गरिमा के अनुकूल उनहें विभाग नहीं दिए गए। 

उल्लेखनीय है कि नितिन भाजपा में सामान्य कार्यकर्ता व विधायक के रूप में रहने को भी तैयार थे लेकिन आलाकमान ने उनकी महत्ता को देखते हुए इस सियासी संकट का हल तुरंत ढूंढने के लिए अपने तीन आला मंत्री भूपेंद्रसिंह चूडास्मा, कौशिक पटेल व प्रदीपसिंह जाडेजा को लगा दिया, बाकी रहा सहा काम शाह के रविवार सुबह साढे सात बजे नितिन पटेल को आए फोन ने कर दिया। समर्थकों ने नितिन भाई का मूंह मीठा कराया, पदभार ग्रहण करने के बाद नितिन ने कहा कि शपथग्रहण के बाद तुरंत उनहोंने काम शुरु कर दिया था, विधिवत रूप से आज पद संभाल रहे हैं।

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