बिहार के राजनीतिक विवाद में पहली बार जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव मीडिया के सामने आए हैं. अभी तक लालू प्रसाद यादव या दूसरे लोग कुछ बयानों को शरद यादव का बताते रहे थे. लेकिन आखिरकार सोमवार को उन्होंने इस पूरे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ दी. उन्होंने मीडिया से कहा कि महागठबंधन टूटने का मुझे अफसोस है.
सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए शरद यादव ने कहा कि बिहार की राजनीति के संबंध में जो फैसले लिए गए हैं उनसे मैैं सहमत नहीं हूं. बिहार की जनता ने इस सब के लिए बहुमत नहीं दिया था.
शरद यादव के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में उठ रहे बहुत सारे कयासों को विराम दे दिया है. इससे पहले शरद यादव को लेकर तरह-तरह की बातें हो रहीं थी. बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर केन्द्र में मंत्री बनने तक की चर्चा हो रही थी.
लेकिन शरद यादव के बयान ने बीजेपी को लेकर उनके कदम के बारे में साफ कर दिया है. इससे पहले रविवार को उन्होंने बीजेपी की कई योजनाओं को लेकर टीका-टिप्पणी की थी. उनका कहना था कि बहुत सारी योजनाएं सही तरीके से काम नहीं कर रही हैं.
वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शरद यादव के इस बयान के बाद विपक्ष की राजनीति में नई उठा-पटक शुरु हो जाएगी. एक बार फिर से बिहार ही नहीं केन्द्र की राजनीति में भी राजनीतिक कयासों का दौर शुरु हो जाएगा.
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