मध्य प्रदेश में प्रदेश में बिकने वाली शराब के असली और नकली होने की पहचान करना आसान होगा. आबकारी विभाग ने अवैध शराब और नकली शराब की बिक्री रोकने के लिए नया हाईटेक फार्मूला ढूंढ़ निकाला है. ताकि पीने वाले के साथ ही विभाग को पता चल सके कि शराब की बोतल किस ठेके से निकल कर बाजार में आई है और शराब असली है या नकली.
अब बोतल में बंद शराब का नशा यदि पीने वाले पर नही चढ़ रहा है तो शराब के असली और नकली होने की पहचान अब फौरन हो सकेगी. बोतल में बंद शराब के अवैध कारोबार और नकली शराब की बिक्री रोकने के लिए आबकारी विभाग ने अब हाईटेक फार्मूला अपनाना शुरु किया है.
इसके तहत अब देशी और विदेशी शराब की हर बोतल पर थ्री डी होलोग्राम लगाया जा रहा है. होलोग्राम इकाई के प्रभारी अधिकारी शैलेंद्र वर्मा ने न्यूज18 से खास बातचीत में बताया कि, गोल्डन और सिल्वर रंग के थ्री डी होलोग्राम के जरिए विभाग ये पता कर सकेगा कि शराब किस ठेके से निकली और बाजार में कहा मौजूद है.
राज्य सरकार ने थ्री डी होलोग्राम का ठेका नोएडा की यूफ्लेक्स लिमिटेड को सौपा है. राज्य सरकार हर एक होलोग्राम के लिए कंपनी को 30 पैसे का भुगतान करेगी.
होलोग्राम लगाने का ठेका हासिल करने वाली कंपनी के प्रबंधक अखिलेश कुमार झा ने बताया कि जल्द ही भोपाल में एसएमएस अलर्ट की व्यवस्था शुरू. इसके लिए होलोग्राम पर अंकित नंबर को लोग मैसेज कर शराब के असली और नकली होने की जानकारी ले सकेंगे.
गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल अवैध शराब के कारोबार के कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान होता है. एक जानकारी के मुताबिक राज्य में एक साल में एक अरब 44 करोड़ के लगभग शराब की बोतलों की बिक्री होती है.
ऐसे में सरकार ने शराब के कारोबार में होने वाले ऩुकसान की भरपाई के साथ ही शराब पीने वालों को असली शराब देने के लिए सरकार ने थ्री डी होलोग्राम के इस्तेमाल की व्यवस्था को अपनाना शुरू किया है.
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