नई दिल्ली। भारत देश में शुरू से ही बीमारियों का राज रहा है। जिस कारण भारत में ना जाने कितने लोगों ने अब तक इन बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गवाई है। लेकिन इस समस्या और दुनियां के सामने चुनौती बनकर उभर रहे भारत में अभी भी कई बीमारियां ऐसी है जिनके इलाज को लेकर अभी भी उसे जूंझना पड़ रहा है। ऐसी ही बीमारियों में टीबी की बीमारी भी शामिल है।
क्या आपकों पता है कि पूरी दुनिया में भारत में टीबी के मरीजों की संख्या कितनी है। भारत में टीबी के मरीजों की आबादी पूरी दुनिया की 25 प्रतिशत है। भारत में टीबी के मामले में एक हैरान करने वाले आंकड़े के अनुसार भारत में दुनिया के सबसे अधिक टीबी के मरीज हैं और यह आंकड़ा करीब 25 प्रतिशत के आसपास का बैठता है। टीबी के मामलों में ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा होता है, वहीं ग्रामीण इलाकों में ऐसे मामले अधिक समय तक संक्रामक रहते हैं।
सेंटर फॉर डिजीज डायनमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी (सीडीडीईपी) के एक नए अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने भारत में टीबी के मामलों को लेकर विस्तृत अध्ययन किया है। उनके अध्ययन का प्रकाशन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ट्यूबरोक्लोसिस एंड लंग डिजीज में हुआ है। एक क्लीनिकल शोध इकाई के अनुसार भारत में विविध औषधि प्रतिरोधी (एमडीआर) टीबी के शोध पर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
इंडियन सोसाइटी फॉर क्लीनिकल रिसर्च (आईएससीआर) ने कहा है कि शोध से औषधि रोधी टीबी का नवोन्मेषी इलाज विकसित करने का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे देश में टीबी का जोखिम कम होगा, स्वास्थ्य पर खर्च घटेगा और 2025 तक टीबी मुक्त बनने की दिशा में प्रगति में तेजी आएगी। आईएससीआर ने बताया है कि औषधि की खोज एक लंबी और गहन प्रक्रिया है और इसके लिए काफी निवेश की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट के मुताबिक विशेष रूप से टीबी के इलाज के लिए आखिरी बार एक औषधि 1960 के दशक में पेश की गई थी। प्रतिरोध से पार पाने के लिए अधिक सक्षम औषधि की खोज की तुलना में सूक्ष्मजीवरोधी के प्रति प्रतिरोध तेजी से बढ़ा है। डब्ल्यूएचओ की वैश्विक टीबी रिपोर्ट 2016 के मुताबिक भारत में दुनिया के 24 फीसदी टीबी के मामले हैं।
इस रोग से हर साल करीब 480,000 भारतीयों की मौत होने का अनुमान है। इंडियन सोसाइटी फॉर क्लीनिकल रिसर्च (आईएससीआर) के बयान के मुताबिक इस रोग के भारत सहित अधिक जोखिम वाले देशों में एमडीआर टीबी मामलों में इलाज सफलता की दर 50 फीसदी से कम है।
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