नई दिल्ली:
वर्ष 2017-18 के लिए केंद्र सरकार आम बजट इस बार 1 फरवरी को ही सदन में पेश करेगी। हर साल आम बजट अमूमन 27-28 फरवरी को पेश किया जाता था लेकिन इस बार सरकार ने इसे 1 फरवरी को पेश करने का फैसला लिया है।
सरकार का तर्क है कि इससे बजट में पेश सरकारी योजनाओं को अमल में लाने के लिए सरकार को पर्याप्त वक्त मिलेगा। और बजट में पेश सभी प्रस्ताव 1 अप्रैल से प्रभावी रुप से लागू हो सकेंगे।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरु होगा। जिसकी शुरुआत आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करने से होगी। इसके बाद 1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। गौरतलब है कि इस बार रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जाएगा।
इसे आम बजट में ही सम्मिलित कर लिया गया है और रेल विभाग का बजट आम बजट में ही पेश कर दिया जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले 92 साल ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाई गई यह परंपर भारत सरकार ने बड़ी शिद्दत से निभाई और 92 साल बाद जाकर साल 2017 में इस परंपरा पर ब्रेक लगाया गया है।
जानें आम बजट की ख़ास बातें -
- बजट शब्द लैटिन भाषा के शब्द bulga से लिया गया है। जिसका मतलब है लेदर बैग।
- पहली बार भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक रफ बजट साल 1790 में बनाया था।
- इसके बाद ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन की समाप्ति के बाद भारत का पहला बजट इंडिया काउंसिल के फाइनेंस कमेटी के सदस्य जेम्स विलसन ने 18 फरवरी 1860 में पेश किया गया था।
- 1909 में मॉरले-मिंटो रिफॉर्म्स के बाद वित्तीय सदस्यों को केंद्रीय विधानमंडल का अनुमानित खाका साल की पहली तिमाही के दौरान पेश करना होता था।
- आज़ाद भारत का पहला बजट पहले वित्त मंत्री आर के शंनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था।
- गणराज्य भारत का पहला बजट भारत के दूसरे वित्त मंत्री जॉन मथाई ने वित्त वर्ष 1949-50 के लिए पेश किया था।
- जॉन मथाई ने ही अपने बजट में योजना आयोग के गठन की सिफारिश पेश की थी।
- वित्त वर्ष 1958-59 में बजट पेश करने वाले जवाहर लाल नेहरु भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। इस दौरान प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु वित्त मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे थे।
- सबसे ज़्यादा बजट पेश करने वाले वित्तमंत्री रहे मोरारजी देसाई। उन्होंने 10 आम बजट सदन में पेश किए।
- आज़ाद भारत में 80 से ज़्यादा बजट पेश किए जा चुके हैं और अरुण जेटली देश के 27वें वित्त मंत्री हैं।
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