छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक 65 साल के विकलांग ने 40 किमी की ऐसी दर्दभरी यात्रा की कि यात्रा की खबर सुनकर जिला प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए. इसके बाद जिले के आलाअधिकारी अपना सारा काम छोड़कर बुजुर्ग की खोज खबर लेने में जुट गए.
दरअसल मैनपुर विकासखंड के गरीबा गांव में रहने वाले घसियाराम ट्राईसाइकिल और वन अधिकार पट्टा की मांग के लिए अपने गांव से 40 किमी दूर विकासखंड मुख्यालय तक घिसटते हुए पहुंच गए. यहां तक पहुंचने के लिए घसियाराम को 40 दिन लग गए. ब्लॉक मुख्यालय जब महज एक किलोमीटर दूर बचा तब जाकर तहसीलदार मनीषदेव साहू को इसकी जानकारी मिली. इसके बाद तहसीलदार ने जिले के आला अधिकारियों से फोन पर बात कर तुरंत उससे मिलने मौके पर पहुंच गए.
तहसीलदार को सामने देख घसियाराम ने उनके आगे भी अपनी वही पुरानी मांगें रखीं. जिसके बाद तहसीलदार ने ट्राईसाइकिल की व्यवस्था तो तुरंत करवा दी और वन अधिकार पट्टा की वस्तु स्थिति जानने के लिए पटवारी को भी उसके गांव रवाना कर दिया. इसके बाद तहसीलदार ने घसियाराम को भी गाड़ी में बिठाकर उसके गांव भेज दिया.
तहसीलदार के आदेश पर पटवारी ने दिनभर गांव की खाक छानने के बाद मुख्यालय पहुंचकर तहसीलदार को घसियाराम और उसके परिवार के नाम पर 3-3 हेक्टयर के दो पट्टे जारी होने की जानकारी दी. साथ ही घसियाराम को विकलांगता पेंशन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने की बात भी सामने आई है. सबकुछ ठीक होने की जानकारी मिलने के बाद कही जाकर अधिकारियों ने राहत सी सांस ली.
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