प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले (8 नवंबर 2016) अचानक देश में 500-1000 रुपए के नोट को बंद करने का ऐलान कर देशवासियों समेत दुनियाभर के लोगों को चौंका दिया था. इस फैसले से लोगों को करीब 50 दिन तक जबर्दस्त परेशानियां झेलनी पड़ीं, लेकिन ऐलान करने के कुछ ही घंटों के दौरान देश के बड़े सर्राफा बाजार में ब्लैकमनी को व्हाइट करने के लिए 4000 किलो से ज्यादा सोना खरीदा गया. इस सोने की कीमत 1250 करोड़ रुपए के लगभग है.
कुछ घंटों में बिका करोड़ों का सोना
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलिजेंस (डीजीसीईआई) की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक देशभर में आठ नवंबर की रात दो टन (लगभग 2000 किलो) सोना बिका. यह एक दिन में सोने की सर्वाधिक बिक्री है. अधिकारियों का कहना है कि काले धन के रूप में मौजूद पुराने नोटों से यही सोना खरीदा गया है.
रातभर खुली रही ज्वैलर्स की दुकान
> रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के एक बड़े जौहरी ने आठ नवंबर को 700 लोगों को 45 किलो सोना बेचा था. एक दिन पहले उसने केवल 820 ग्राम सोना बेचा था.
> चेन्नई के एक ज्वैलर्स ने आठ नवंबर को 200 किलो सोना बेचा. एक दिन पहले वहां से केवल 40 किलो की बिक्री हुई.
> जयपुर के एक ज्वैलर्स ने सात नवंबर को 100 ग्राम सोना होने की रिपोर्ट दी लेकिन नोटबंदी वाले दिन उसने 30 किलो सोना बेच दिया. इन सभी के खिलाफ जांच जा रही है.
इंडिया बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन (IBJA) के नेशनल सेक्रटरी
— सुरेंद्र मेहता
ने कहा था
कि 8 नवंबर की रात को सोने की आधी से ज्यादा बिक्री दिल्ली, यूपी और पंजाब में हुई थी. उन्होंने कहा कि देशभर के छह लाख जूलर्स में सिर्फ 1,000 ने 8 नवंबर की रात पुरानी करंसी में सोना बेचा था.
फिर सरकार ने शुरू की कार्रवाई
> इन खबरों के बाद सरकार ने कार्रवाई शुरू की. देशभर में खास जूलर्स के खिलाफ टैक्स विभाग का छापा पड़ा था और उनके यहां हुई वैध बिक्री का पता लगाने के लिए एक्साइज अथॉरिटीज ने उनकी सीसीटीवी फुटेज खंगाले.
> देशभर में 400 जौहरियों और सर्राफा कारोबारियों ने 20 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की बात कबूली थी. डीजीसीईआई ने मनी लॉड्रिंग के बाद सर्वे शुरू किया था. इसके बाद से एजेंसी की ओर से टैक्स चोरी और मनी लॉड्रिंग के मामलों में 300 नोटिस भेजे गए थे.
No comments:
Post a Comment