अमेरिका ने दिखाई अपनी ताकत, कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ाए फाइटर जेट - JBP AWAAZ

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Tuesday, 19 September 2017

अमेरिका ने दिखाई अपनी ताकत, कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ाए फाइटर जेट

उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में किए गए परमाणु और मिसाइल परीक्षण के जवाब में सोमवार को अमेरिका ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर चार स्टेल्थ फाइटर जेट और दो बॉम्बर्स उड़ाए. इस बात की जानकारी दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने दी.

मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल खतरे के खिलाफ अमेरिका और दक्षिण कोरियाई गठबंधन के निवारण क्षमता को प्रदर्शित करते हुए चार एफ-35बी स्टेल्थ फाइटर और दो बी-1बी बॉम्बर्स प्रायद्वीप के ऊपर से उड़ाए गए.

3 सितंबर को उत्तर कोरिया के छठे और सबसे ताकतवर परमाणु परीक्षण और पिछले शुक्रवार जापान के ऊपर से किए गए इंटरमीडिएट-रेंज मिसाइल परीक्षण के कारण क्षेत्र में उपजे तनाव के बाद पहली बार ये विमान उड़ाए गए.

बयान में कहा गया कि रुटीन ट्रेनिंग के तौर पर चार दक्षिण कोरियाई एफ-15के फाइटर जेट के साथ अमेरिकी जेट उड़ाए गए. दोनों सहयोगी आगे भी ऐसे अभ्यास करते रहेंगे, जिससे आकस्मिक व्यय के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन को बेहतर किया जा सके. इससे पहले 31 अगस्त को ऐसी उड़ान भरी गई थी.

अमेरिका लगातार उत्तर कोरिया पर दबाव बना रहा है. इसके तहत संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने प्योंयांग को चेतावनी दी कि अगर वो अपने हथियारों की होड़ को बंद नहीं करता तो वो 'बरबाद' हो जाएगा.

इसी हफ्ते होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संबोधन और उनके दक्षिण कोरिया और जापान के नेताओं के साथ बैठकों में उत्तर कोरिया का मुद्दा हावी रहने की संभावना है.

तनाव उस वक्त और बढ़ा जब किम जोंग उन की सेना ने हाईड्रोजन बम का परीक्षण किया, जो पिछले बमों की तुलना में कहीं ज्यादा ताकतवर बताया गया.

उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र के नए प्रतिबंधों को नज़रअंदाज़ करते हुए जापान के ऊपर से अब तक के सबसे लंबी दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल का भी परीक्षण किया, जो प्रशांत महासागर में जाकर गिरी.

ट्रंप और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने शनिवार को फोन पर बात की और कसम खाई कि उत्तर कोरिया पर और ज्यादा दबाव बनाया जाएगा. वहीं मून के दफ्तर ने इस बात की चेतावनी दी कि आगे और अधिक उकसावे से उत्तर कोरिया बर्बादी के रास्ते पर होगा.

ट्रंप ने सैन्य कार्रवाई से भी इनकार नहीं किया है, जिससे दक्षिण कोरिया की राजधानी में रहने वाले लाखों लोगों और दक्षिण कोरिया में तैनात 28,500 अमेरिकी सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई के कारण ख़तरा होगा.

ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच आर मैकमास्टर ने कहा कि अमेरिका को सभी विकल्प खुले रखने होंगे, अगर प्रतिबंध उत्तर कोरिया के हथियारों की होड़ को रोकने में नाकामयाब होती है.

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