बॉलीवुड के चॉकलेटी बॉयज में से एक ऋषि कपूर आज यानी 3 सितंबर को अपना बर्थडे मना रहे हैं. ज्यादातर एक्टर्स का ध्यान जहां ऐब्स बनाने में था, तब ऋषि कपूर के लिए उनका लुक ही काफी था. उनके घुंघराले बाल और मासूम चेहरा देखते ही लड़कियां उन पर मर मिटती थीं.
'बॉबी' फिल्म में डिंपल कपाड़िया के साथ एक टीनएज लव स्टोरी से बतौर हीरो शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर का दिल पहली बार डिंपल के लिए नहीं किसी और के लिए धड़का था. हम यहां असल जिंदगी की नहीं पर्दे की बात कर रहे हैं. अगर आप सोचते हैं कि ऋषि की पहली हीरोइन डिंपल थीं तो बता दें कि दरअसल उनकी पहली हीरोइन फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में उनकी टीचर के रोल में नजर आईं सिमि ग्रेवाल थीं.
'बॉबी' फिल्म में डिंपल कपाड़िया के साथ एक टीनएज लव स्टोरी से बतौर हीरो शुरुआत करने वाले ऋषि कपूर का दिल पहली बार डिंपल के लिए नहीं किसी और के लिए धड़का था. हम यहां असल जिंदगी की नहीं पर्दे की बात कर रहे हैं. अगर आप सोचते हैं कि ऋषि की पहली हीरोइन डिंपल थीं तो बता दें कि दरअसल उनकी पहली हीरोइन फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में उनकी टीचर के रोल में नजर आईं सिमि ग्रेवाल थीं.
स्कूल में पढ़ने वाले 'राजू' यानी ऋषि कपूर को पहली बार पर्दे पर उन्हीं से प्यार हुआ था. अब प्यार की बात हुई को उनके सदाबहार गानों को कोई कैसे भूल सकता है और उससे भी ज्यादा ध्यान खींचने वाली उनकी अलग-अलग तरह की स्वेटर.
ऋषि कपूर के स्टाइल स्टेटमेंट में गर्मागर्म स्वेटर्स का बड़ा रोल रहा. अब जहां होरोज में पर्दे पर शर्टलेस आने का क्रेज रहता है वहीं ऋषि कपूर हॉट और स्टाइलिश दिखने के लिए स्वेटर पहना करते थे. एक बार ऋषि कपूर ने खुद ट्विटर पर बताया था कि उनके पास स्वेटर का इतना बड़ा कलेक्शन हो गया था कि उन्होंने किसी भी फिल्म में अपनी स्वेटर रिपीट नहीं की थी.
आज ट्विटर पर अपने ट्वीट्स की वजह से सुर्खियों में रहने वाले ऋषि बचपन से ही नखरों के मामले में कम नहीं थे. उन्होंने अपनी किताब 'खुल्लम खुल्ला' में एक किस्से का जिक्र किया था.
उन्होंने लिखा, मैं दो साल का था जब मेरे भाई, बहन और मुझे श्री 420 में एक सीन के लिए लिया गया था. हमें बारिश में हाथ पकड़ कर चलना था. जब भी हम इस सीन की रिहर्सल करते मैं अपनी आंखें बंद कर लेता क्योंकि पानी आखों में जा रहा था.
उन्होंने लिखा, मैं दो साल का था जब मेरे भाई, बहन और मुझे श्री 420 में एक सीन के लिए लिया गया था. हमें बारिश में हाथ पकड़ कर चलना था. जब भी हम इस सीन की रिहर्सल करते मैं अपनी आंखें बंद कर लेता क्योंकि पानी आखों में जा रहा था.
जब भी सीन कट होता मैं स्टार्स वाले नखरे करता. मेरा एटिट्यूड ऐसा रहता कि मैं कभी-कभी सीन ठीक से करने को भी मना कर देता था. इसके बाद नरगिस जी मेरे पास आईं और कहा कि अगर तुम सीन ठीक तरह से कर लोगे मैं तुम्हें चॉकलेट दूंगी. इसके बाद मैंने सीन सही तरीके से किया. इसका मतलब ये है कि मैंने रिश्वत लेना बड़ी ही कम उम्र में शुरू कर दिया था और तब भी स्टार्स वाले नखरे किया करता था.
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