प्रतिदिन मंदिर जाने से व्यक्ति को जहां हर परेशानी ये मुक्ति मिलती है वहीं मन को भी शांति मिलती है। मंदिर जाते हुए लोग फूल, धूप-दीप, फल आदि चीजें लेकर जाते हैं। जब भी किसी धार्मिक स्थान पर जाते हैं तो अपने जूते, बैल्ट, पर्स जैसी चीजें बाहर ही छोड़कर जाने चाहिए। इन चीजों में चमड़े का उपयोग होता है इसलिए इन चीजों को मंदिर में ले जाना वर्जित है।
धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टि से चमड़े को अपवित्र माना जाता है क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनाया जाता है। इसी कारण चमड़े की कोई भी चीज पहनकर पूजा-अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। चमड़े से बनी चीजों को साथ रखकर पूजा करने से उसका पुण्य नहीं मिलता।
वैज्ञानिक कारण
चमड़े से निर्मित वस्तुअों में बदबू होती है। इनसे बदबू को दूर करने के लिए केमिकल्स का उपयोग किया जाता है जो शरीर के लिए नुकसान होता है। ऐसी चीजों को पानी से धोकर साफ किया जाता है। चमड़ा पानी में खराब होने लगता जिससे बचाने के लिए इस पर केमिकल्स का उपयोग किया जाता है।
धार्मिक कारण
धार्मिक दृष्टि से चमड़े को अपवित्र माना जाता है क्योंकि चमड़ा जानवरों की खाल से बनाया जाता है। इसी कारण चमड़े की कोई भी चीज पहनकर पूजा-अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। चमड़े से बनी चीजों को साथ रखकर पूजा करने से उसका पुण्य नहीं मिलता।
वैज्ञानिक कारण
चमड़े से निर्मित वस्तुअों में बदबू होती है। इनसे बदबू को दूर करने के लिए केमिकल्स का उपयोग किया जाता है जो शरीर के लिए नुकसान होता है। ऐसी चीजों को पानी से धोकर साफ किया जाता है। चमड़ा पानी में खराब होने लगता जिससे बचाने के लिए इस पर केमिकल्स का उपयोग किया जाता है।
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