नई दिल्ली: देश के गैर-भाजपा शासित राज्यों में राजनीतिक उठा-पटक जारी है तो यूपी व गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों में भी विपक्षी नेताओं को तोड़कर हर हाल में एनडीए का कुनबा बढ़ाया जा रहा है। इन सब राजनीतिक उठा-पटक के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक ही मकसद है और वह है राज्यसभा में एनडीए की बढ़त जो करीब-करीब पूरी होने ही वाली है। यूपी में आगामी राज्यसभा चुनाव में एनडीए पूरी तरह से उच्च सदन में बहुमत में आ जाएगी और यही नरेंद्र मोदी की ओर से तय सबसे बड़ा लक्ष्य माना जा रहा है। अब हालात साफ हो गए हैं कि अप्रैल 2018 तक राज्यसभा में मोदी राज होकर ही रहेगा।
राज्यसभा में 245 सांसद होते हैं और यहां बहुमत के लिए 123 सांसदों की जरूरत है। मौजूदा समय में एनडीए के पास और निर्दलीय सांसदों को मिलाने के बाद 121 सांसदों का साथ है जो बहुमत के बेहद करीब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतियों पर चलकर पार्टी आने वाले समय में यूपी की 9 सीटों में से कम से कम 8 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में 4 सीटें मनोनीत सदस्यों की भी खाली होंगी। ये सभी की सभी सीटें भाजपा की ही होगी।
परेशानी नहीं झेलेगी पार्टी
संभवत:मानसून सत्र के आखिर में हासिल हो सकने वाली यह जीत भाजपा के लिए बड़े मौके की तरह होगी जिसके बाद पार्टी अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नीतियां बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं झेलेगी। लोकसभा में एनडीए के पास पहले से ही प्रचंड बहुमत है।
बिहार में लग सकता है झटका
बिहार में उसे थोड़ा झटका लग सकता है। यहां अगले साल 6 सीटों पर चुनाव होना है जिसमें 2 भाजपा की और 4 सीटें जद (यू) की हैं पर कांग्रेस और राजद मिलकर इसमें से 3 सीटें छीन सकते हैं।
जेडी(यू) के सांसदों को मिलाकर एनडीए के पास हैं 101 सांसद
इस समय एनडीए के पास 89 सांसद हैं। इसके अलावा अब जद (यू) के 10 सांसद एनडीए के साथ आ गए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे के निधन से खाली हुई सीट को भी उप-चुनाव में भाजपा ने जीत लिया है। वहीं गुजरात से 1 सीट कांग्रेस से छीनने के बाद एनडीए सांसदों की गिनती 91 तक पहुंच गई है।
राज्यसभा में 245 सांसद होते हैं और यहां बहुमत के लिए 123 सांसदों की जरूरत है। मौजूदा समय में एनडीए के पास और निर्दलीय सांसदों को मिलाने के बाद 121 सांसदों का साथ है जो बहुमत के बेहद करीब है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीतियों पर चलकर पार्टी आने वाले समय में यूपी की 9 सीटों में से कम से कम 8 सीटों पर कब्जा जमा सकती है। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में 4 सीटें मनोनीत सदस्यों की भी खाली होंगी। ये सभी की सभी सीटें भाजपा की ही होगी।
परेशानी नहीं झेलेगी पार्टी
संभवत:मानसून सत्र के आखिर में हासिल हो सकने वाली यह जीत भाजपा के लिए बड़े मौके की तरह होगी जिसके बाद पार्टी अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नीतियां बनाने में किसी तरह की परेशानी नहीं झेलेगी। लोकसभा में एनडीए के पास पहले से ही प्रचंड बहुमत है।
बिहार में लग सकता है झटका
बिहार में उसे थोड़ा झटका लग सकता है। यहां अगले साल 6 सीटों पर चुनाव होना है जिसमें 2 भाजपा की और 4 सीटें जद (यू) की हैं पर कांग्रेस और राजद मिलकर इसमें से 3 सीटें छीन सकते हैं।
जेडी(यू) के सांसदों को मिलाकर एनडीए के पास हैं 101 सांसद
इस समय एनडीए के पास 89 सांसद हैं। इसके अलावा अब जद (यू) के 10 सांसद एनडीए के साथ आ गए हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे के निधन से खाली हुई सीट को भी उप-चुनाव में भाजपा ने जीत लिया है। वहीं गुजरात से 1 सीट कांग्रेस से छीनने के बाद एनडीए सांसदों की गिनती 91 तक पहुंच गई है।
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