नई दिल्लीः 1 जुलाई से लागू हुए माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) की नई व्यवस्था ने मोदी सरकार को मालामाल कर दिया है। वित्त् मंत्री अरुण जेतली ने बताया कि जी.एस.टी. के द्वारा सरकार को 92, 283 करोड़ का रेवेन्यू आया हैं। आज सुबह 10 बजे तक 59.37 लाख लोगों ने अपनी रिटर्न दायर की, यानि सुबह तक कुल 64.42% लोगों अपनी रिटर्न दायर कर चुके है।
सरकार द्वारा पहले महीने का कर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ाकर 25 अगस्त कर दी गई है। रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 20 अगस्त से ठीक एक दिन पहले वेबसाइट के बंद होने से यह समय सीमा बढ़ाई गई है। जी.एस.टी. ने उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा वैट समेत एक दर्जन से अधिक केंद्रीय तथा राज्यों के करों को एक कर दिया है। पिछले वर्ष जुलाई में 31,782 करोड़ रुपए उत्पाद शुल्क के रूप में जबकि 19,600 करोड़ रुपए सेवा कर के रूप में संग्रह किए गए थे।
64.42 फीसदी हुई कंप्लायंस
जेटली ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, जुलाई में 64.42 फीसदी कंप्लायंस देखने को मिली। 59.57 लाख रजिस्ट्रैंट्स में से 38.38 लाख लोगों ने रिटर्न फाइल किया।92,283 करोड़ रुपए जीएसटी में 14,894 करोड़ रुपए सेंट्रल जीएसटी, 22,722 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी और 47,469 करोड़ रुपए इंटिग्रेटेड जी.एस.टी. शामिल है वहीं 7,198 करोड़ रुपए कम्पन्सेशन जी.एस.टी. से आए।
64.42 फीसदी हुई कंप्लायंस
जेटली ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, जुलाई में 64.42 फीसदी कंप्लायंस देखने को मिली। 59.57 लाख रजिस्ट्रैंट्स में से 38.38 लाख लोगों ने रिटर्न फाइल किया।92,283 करोड़ रुपए जीएसटी में 14,894 करोड़ रुपए सेंट्रल जीएसटी, 22,722 करोड़ रुपए स्टेट जीएसटी और 47,469 करोड़ रुपए इंटिग्रेटेड जी.एस.टी. शामिल है वहीं 7,198 करोड़ रुपए कम्पन्सेशन जी.एस.टी. से आए।
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