नई दिल्ली। हरियाणा हिंसा की आग में जला एक बार नहीं बल्कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कुर्सी संभालने के बाद 3 बार हरियाणा हिंसा की आग में जला है। पहली बार बाबा रामपाल को लेकर हरियाणा जला इसके बाद जाट आरक्षण को लेकर दुबारा हरियाणा को जला दिया गया लेकिन इस बार बाबा राम-रहीम के मामले में सरकार और प्रशासन को हाईकोर्ट ने पहले ही सख्त निर्देश दिए थे। लेकिन प्रशासनिक चूक के चलते हिंसा हुई लोग मरे करोड़ों की संपत्तियां जलकर खाक हो गई।
ऐसे में विपक्ष के निशाने पर फिर एक बार बीजेपी और खट्टर सरकार आ गई। खट्टर सरकार को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया। खबरें आने लगी कि सरकार के रवैए से केन्द्र नाराज है। खट्टर पर कार्रवाई की जायेगी, यानी खट्टर की कुर्सी का जाना तय था। आज सुबह हालात को लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने हरियाणा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अनिल जैन को तलब किया बातचीत की इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद रहे। अमित शाह ने कहा कि डेरा के महत्व को नाकारा नहीं जा सकता सरकार ने बड़े ही समझ-बूझ से इस प्रकरण को हल किया है।
वहीं इस मामले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ी बैठक की जिसमें राज्य में हुई हिंसा वर्तमान हालात को लेकर चर्चा के साथ राज्य सरकार से इस हिंसा को ना रोक पाने का कारण स्पष्ट करने के साथ ही हर जिले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट भी मांगी है। इसके साथ ही राज्य में तैनात पुलिस और सुरक्षाबलों की स्थिति का अवलोकन हेतु विशेष आख्या तलब की है।
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