आजकल रिलेशनशिप में होना कोई बड़ी बात नहीं है, और ये कुछ मायने में गलत भी नहीं है। क्योंकि हर किसी की जिंदगी में एक समय ऐसा आता है जब उसे किसी अपने की जरूरत हो। वहीं, अगर बात हो शादी जैसे रिलेशनशिप की आजकल लोग ये सोचते है शादी के बाद उन्हें कोई परेशनी न हो तो वे शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप को अपनाते है, ताकि एक दूसरे को समझने के लिए और जानने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिससे वह दोनों सोच समझ कर शादी करने का या ना करने का फैसला कर सकते हैं।
• लिव इन रिलेशनशिप को भारत में अभी धीरे-धीरे कानूनी स्वीकृति मिल रही है। लेकिन अधिकांश समाज लिव- इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को पूरी तरह से स्वीकार नहीं करते। ऐसी हालातों में उन्हें एक साथ रहना काफी मुश्किल होता है और काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
• अक्सर लोग जब यह तय नहीं कर पाते कि, उनका साथी शादी करके साथ रहने के लिए सही है या नहीं, तब वह लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगते हैं। इससे वह यह जान पाते हैं कि वह एक दूसरे के लिए अनुरूप है या नहीं और उनके विचार एक दूसरे से मिलते है या नहीं।
• लोग शादी के बाद अपने नए ज़िन्दगी को लेकर काफी उत्साहित होते हैं। लेकिन ऐसे जोड़े जो काफी समय तक एक दूसरे के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है, वह शादी के बाद कुछ भी नया महसूस नहीं कर पाते और यह नयापन महसूस ना कर पाना एक दूसरे से दूर होने के लिए कारण बन सकता है।
• अगर लिव इन रिलेशनशिप में एक दूसरे के साथ रहने वाले जोड़े ने कोई भी फाइनेंशियल इन्वेस्टमेंट एक साथ की है और आगे जाकर उनका ब्रेकअप होता है तो ऐसे मामलों में उस इनवेस्टमेंट का क्या करें यह एक पेचीदा सवाल बन जाता है और इस से बातें और भी बिगड़ती है।
• अक्सर लिव-इन रिलेशनशिप में एक बार रहने के बाद लोगों को और किसी रिलेशनशिप में रहना या शादी करना मुश्किल लगता है, ऐसे लोग अपने साथी पर आसानी से विश्वास नहीं रख पाते।
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