नई दिल्ली . आपसी खींचतान और गुटबाजीकांग्रेस के साथ स्थायी चीज बन चुकी है। शायदही ऐसा कोई राज्य बचा हो, जहां कांग्रेसलगातार कमजोर होने के बावजूद आपसी कलहऔर गुटबाजी से न उलझ रही हो। जहां एक ओरहिमाचल में अंदरूनी कलह चल रही है, वहींबिहार कांग्रेस में भी उठापटक की खबरें आ रहीहैं। बिहार में महागठबंधन टूटने से जहां जेडीयूमें दोफाड़ की स्थिति बन गई है, वहीं खुद जेडीयूअध्यक्ष नीतीश कुमार कांग्रेस में तोड़फोड़मचाने की कोशिश में हैं। कहा जा रहा है किनीतीश कांग्रेस के कुछ विधायकों को अपनी ओरखींचने में जुटे हैं। इसके मद्देनजर कांग्रेस केवरिष्ठ नेताओं को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब किया।
अहमद पटेल से मिले वीरभद्र सिंह
हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू को लेकर अपनी नाराजगी जता चुके हैं। पिछले दिनोंउन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व राज्य के प्रभारी को लेटर भी लिखा जिसमें उन्होंने अपनी नाराजगी दर्ज कराई है। 6 बार केमुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कई नेताओं से कहा था कि सुखविंदर सिंह सुखू की अगुआई वालीमौजूदा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव नहीं किया गया तो वह न चुनाव लडेंगे और न ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे। वीरभद्र सिंह केसाथ राज्य के 27 विधायक भी हैं। बुधवार को वीरभद्र की मुलाकात कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमदपटेल से हुई। वीरभद्र हाईकमान से मिलना चाहते हैं। वह अपने एक केस के सिलसिले में बुधवार को दिल्ली में थे। लेकिन इसदौरान उनकी सिर्फ पटेल से ही मुलाकात हो सकी। बताया जाता है कि पटेल ने न सिर्फ उन्हें काफी समझाया, बल्कि आश्वस्तभी किया है कि पार्टी उनकी बातों पर गौर कर रही है। वीरभद्र से पहले ही कहा जा चुका है कि पार्टी आगामी असेंबली चुनावउनके नेतृत्व में ही लड़ेगी। उल्लेखनीय है कि साल 2012 के चुनाव से पहले भी वीरभद्र सिंह जब नाराज हुए थे तो अहमद पटेलने उन्हें समझा-बुझाकर पार्टी नेतृत्व के लिए मनाया था।
चौधरी और सदानंद हुए दिल्ली तलब
वहीं बिहार में कांग्रेस में चल रही खींचतान और जेडीयू द्वारा पार्टी विधायकों को तोड़कर अपनी ओर मिलाने की चर्चाओं केबीच कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी और कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह को दिल्ली तलब कियाहै। बिहार कांग्रेस को लेकर चर्चा है कि वहां जेडीयू कांग्रेस के कम से कम 11 विधायकों को तोड़ने की कोशिश में है। इनमेंअशोक चौधरी से लेकर सदानंद सिंह का नाम भी आ रहा है। उल्लेखनीय है कि चौधरी न सिर्फ महागठबंधन वाली नीतीशसरकार में मंत्री रह चुके हैं, बल्कि महागठबंधन टूटने के बाद से अभी तक वह बिहार के सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ किसीभी तरह की नकारात्मक टिप्पणी करने से बचते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जेडीयू में दोफाड़ की स्थिति बनती देख जेडीयू ने अबकांग्रेस में सेंध लगाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। वहां नीतीश और उनके पार्टी प्रबंधक कांग्रेस विधायकों से संपर्क में हैं।
ये सारी खबरें कांग्रेस हाईकमान को मिल रही हैं। इसके बाद ही वहां के प्रदेशाध्यक्ष और सीएलपी लीडर को तलब किया गया।हालांकि अशोक चौधरी पिछले 3 दिन से दिल्ली में हैं। बताया जाता है कि वह अपनी सेहत के चलते यहां आए हैं। जबकिसदानंद सिंह गुरुवार को दिल्ली पहुंच रहे हैं। उम्मीद है कि अगले एक-दो दिनों में हाईकमान इन लोगों को बुलाकर इनकी मंशाजान सकता है।
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