क्या सेफ है प्लास्टिक बॉटल्स में बंद दवा? - JBP AWAAZ

Breaking

Monday, 19 June 2017

क्या सेफ है प्लास्टिक बॉटल्स में बंद दवा?

प्लास्टिक की बॉटल्स में बंद दवाओं की सेफ्टी पर सवाल, सरकार ने डीटेल स्टडी के लिए कहा

नई दिल्ली
प्लास्टिक की बॉटल में दवा सेफ है या नहीं, इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से डीटेल स्टडी करने को कहा है। इस स्टडी में यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि प्लास्टिक की बॉटल में लिक्विड मेडिसिन रखने से क्या उसमें किसी प्रकार की लीचिंग हो रही है या नहीं। लीचिंग वह प्रक्रिया है जिसमें बॉटल के घुलनशील तत्व बाहर आ जाते हैं और उसमें रखी सामग्री से मिल जाते हैं। आईसीएमआर ने हैदराबाद के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन से स्टडी की प्लानिंग और स्टडी करने के लिए कहा है।

करीब दो साल पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से निर्देश दिए गए थे, जिसमें दवाओं को प्लास्टिक और पॉलिथीन टेरिफ्थेलेट (PET) की बॉटल की बजाय कांच की बॉटल में रखने की बात कही गई थी। प्लास्टिक की बॉटल में लीचिंग का खतरा रहता है। एक्सपर्ट के अनुसार, लीचिंग में बॉटल के घुलनशील तत्व उसमें मौजूद दवा में मिल जाते हैं।

पिछले साल सरकारी स्टडी में यह सामने आया था कि प्लास्टिक की बॉटल्स में रखी गई खांसी की दवा और दूसरी लिक्विड दवाओं में लेड सहित कई विषाक्त सामग्री हैं। इसमें कहा गया था कि ऐसी बॉटल्स से खतरनाक सामग्री निकलती है और ऐसी बॉटल्स में दवाइयों के रखने पर रोक लगाने की बात भी कही गई थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, स्टडी में सामने आई बातों का दवाओं के लिए मानक वैधानिक प्राधिकरण-दवा तकनीक सलाहकार बोर्ड (डीटीएबी) ने भी समर्थन किया था। सूत्र का कहना है कि डीटीएबी ने यह भी सिफारिश की थी कि प्लास्टिक और पीईटी बॉटल्स का इस्तेमाल दवाओं को रखने के लिए न हो। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए बनी दवाओं को रखने में इन बॉटल्स का इस्तेमाल बिल्कुल भी न किया जाए।

No comments:

Post a Comment

Whatsapp status