तेजस एक्सप्रेस-पहला सफर: हेडफोन साथ लेकर चलते बने यात्री, एलईडी स्क्रीन्स को भी नुकसान - JBP AWAAZ

Breaking

Thursday, 25 May 2017

तेजस एक्सप्रेस-पहला सफर: हेडफोन साथ लेकर चलते बने यात्री, एलईडी स्क्रीन्स को भी नुकसान

मुंबई से गोवा के बीच सोमवार को सुपर फास्ट तेजस एक्सप्रेस की शुरुआत से रेल मंत्री सुरेश प्रभु बेहद खुश हैं। हालांकि, उन्हें रेलवे अधिकारियों के एक उलझन के बारे में जानकारी नहीं है। दरअसल, ये रेलवे अफसर उन खबरों से परेशान हैं, जिनके मुताबिक, ट्रेन से पहली बार सफर करने के बाद बहुत सारे यात्रियों ने हेडफोन वापस लौटाना उचित नहीं समझा। हेडफोन की इस 'चोरी' का असर बुधवार को ट्रेन के गोवा से मुंबई के सफर पर नजर आया। बहुत सारे यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें एलईडी स्क्रीन पर कार्यक्रम का आनंद उठाने के लिए हेडफोन नहीं मिले। बता दें कि ट्रेन की शुरुआत होने से पहले ही इसके शीशों को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आ चुकी है।
सेंट्रल रेलवे के अफसरों ने तेजस की तारीफ करते हुए इसे 'पटरियों पर प्लेन' करार दिया था। इसमें दी जाने वाली वर्ल्ड क्लास सुविधाओं मसलन-सीट्स से लगी एलईडी स्क्रीन्स, वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे, चाय और कॉफी की मशीनें आदि का बखान किया था। 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम यह ट्रेन मुंबई से गोवा के बीच की 552 किमी की दूरी 9 घंटे में पूरी करती है। 992 सीट वाली इस ट्रेन का सबसे सस्ता टिकट 1185 रुपये है। यह भाड़ा चेयरकार का है, जिसमें खाने की सहूलियत नहीं मिलती। वहीं, सबसे महंगा टिकट 2740 रुपये का है।
रेलवे के एक सीनियर अफसर ने मुंबई मिरर से बातचीत में बताया कि ट्रेन के सोमवार के सफर के बाद 'कम से कम एक दर्जन' हेडफोन नहीं मिले। उन्होंने बताया कि बहुत सारी एलईडी स्क्रीन्स पर स्क्रैच नजर आए। अधिकारी ने बताया, 'सफर की शुरुआत में ही हेडफोन बांटे गए थे। उन्हें वापस करने का ऐलान नहीं किया गया था क्योंकि हमें उम्मीद थी कि यात्री इसे नहीं ले जाएंगे। ठीक उसी तरह से जैसे वे अपने साथ तकिया या कंबल नहीं ले जाते।' जब एक हेडफोन की कीमत के बारे में पूछा गया तो अफसर ने बताया कि वे ज्यादा महंगे नहीं थे।
सेंट्रल रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर नरेंद्र पाटिल ने इस बात की पुष्टि की कि सोमवार की यात्रा के बाद कुछ हेडफोन गायब हुए हैं। वहीं, बुधवार को इस ट्रेन से मुंबई का सफर करने वाले एक सीनियर सिटिजन ने बताया कि कई बार याद दिलाने के बावजूद ट्रेन स्टाफ ने उन्हें हेडफोन नहीं दिया। 62 साल के महेंद्र अपनी पत्नी के साथ सफर कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं स्क्रीन पर कुछ देखना चाहता था, लेकिन मुझे हेडफोन मिला ही नहीं।' वहीं, कुछ यात्रियों ने शिकायत की कि ट्रेन का वाईफाई एक्टिव नहीं था। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है। ये शुरुआती दिक्कतें हैं जो कुछ दिन में खत्म हो जाएंगी। अधिकारी ने कहा, 'हमें उस ट्रेन का जश्न मनाना चाहिए, जो भारत में सफर करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।'

No comments:

Post a Comment

Whatsapp status