हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में नवरात्रि के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। खासतौर पर अष्टमी तथा नवमी तिथि को 3 से 9 वर्ष तक की कन्याओं का पूजन करने की परंपरा है।
3 वर्ष की कन्या के पूजन से धन-धान्य का आगमन होता है। इसके साथ परिवार का कल्याण होता है।
4 वर्ष की कन्या कल्याणी नाम से जानी जाती है। इसके पूजन से सुख समृद्धि घर आती है।
5 वर्ष की कन्या रोहिणी कही जाती है। रोहिणी के पूजन से व्यक्ति रोग मुक्त हो जाता है।
6 वर्ष की कन्या की कन्या के पूजन से व्यक्ति को ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
8 वर्ष की कन्या शाम्भवी कहलाती है। इसके पूजन से व्यक्ति को यश और लोकप्रियता हासिल होती है।
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