नई दिल्ली : केन्द्र और राज्य सरकारें फिलहाल जम्मू-कश्मीर में रह रहे म्यामार के करीब 10,000 रोहिंग्या मुसलमानों की पहचान करने तथा उन्हें उनके देश वापस भेजने के तरीके तलाश रही हैं। रोहिंग्या मुसलमान ज्यादातर जम्मू और साम्बा जिलों में रह रहे हैं। ये लोग म्यामार से भारत-बांग्लादेश सीमा, भारत-म्यामार सीमा या फिर बंगाल की खाड़ी पार करके अवैध तरीके से भारत आए हैं।
यहां अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बराज राज शर्मा और पुलिस महानिदेेशक एसपी वैद्य ने भी हिस्सा लिया था। गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम रोहिंग्या मुसलमानोंं की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के तरीके तलाश रहे हैं।’’जम्मू-कश्मीर सरकार के आकलन के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या करीब 5700 है, हालांकि यह बढ़कर 10,000 तक पहुंच सकती है। देश के विभिन्न भागों मेंं करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं, और वे सभी अवैध तरीके से भारत आए हैं।
यहां अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव बराज राज शर्मा और पुलिस महानिदेेशक एसपी वैद्य ने भी हिस्सा लिया था। गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम रोहिंग्या मुसलमानोंं की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के तरीके तलाश रहे हैं।’’जम्मू-कश्मीर सरकार के आकलन के अनुसार, रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या करीब 5700 है, हालांकि यह बढ़कर 10,000 तक पहुंच सकती है। देश के विभिन्न भागों मेंं करीब 40,000 रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं, और वे सभी अवैध तरीके से भारत आए हैं।
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