आतंकवाद से 6 गुना ज्यादा जानें ले रहा है प्यार - JBP AWAAZ

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Sunday 2 April 2017

आतंकवाद से 6 गुना ज्यादा जानें ले रहा है प्यार

आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों की खबरों में बहुत चर्चा होती है और अखबारों में सुर्खियां मिलती हैं। लेकिन बीते 15 सालों में आतंकवाद से ज्यादा जानें भारत में प्यार के चलते गई हैं। 2001 से 2015 के दौरान के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्यार के चलते 38,585 मामलों में लोगों ने हत्या और गैर-इरादतन हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दिया। यही नहीं प्यार में हारने और इससे जुड़ी अन्य वजहों से करीब 79,189 लोगों ने मौत को गले लगा लिया। यही नहीं इस अवधि में 2.6 लाख अपहरण के केस भी ऐसे दर्ज किए गए, जिनमें महिला के अपहरण की मुख्य वजह उससे शादी रचाने का इरादा था।

आंकड़ों के मुताबिक प्रतिदिन 7 हत्याएं, 14 आत्महत्याएं और 47 अपहरण के केस प्यार के चलते परिजनों की नाराजगी, एकतरफा प्यार और शादी के इरादे के चलते होते हैं। दूसरी तरफ इन 15 सालों में आतंकवादी घटनाओं में 20,000 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुरक्षा बल और आम नागरिक दोनों शामिल हैं। डेटा के मुताबिक आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश प्यार के मकसद से की गई हत्याओं के मामलों में आगे हैं। इन सभी राज्यों में इस अवधि में 3,000 से ज्यादा हत्याएं प्रेम प्रसंगों के चलते हुईं।

हालांकि यह समझा जा सकता है कि अधिक आबादी वाले बड़े राज्यों में घटनाओं का अनुपात ज्यादा होने की वजह क्या है। इन मामलों में प्रेम प्रसंग से नाराज परिजनों की ओर से हिंसा, प्यार में हारने पर निराशा के चलते आत्महत्या और लव अफेयर के चलते सामाजिक उपद्रव जैसे केस हैं।
रिटायर्ड प्रफेसर उमा चक्रवर्ती के मुताबिक, 'किसी व्यक्ति की ओर से अपनी पसंद की शादी का विचार करने पर होने वाली हत्याओं और हिंसा को समझने के लिए हमें जाति व्यवस्था और पितृसत्तात्मक समाज के बारे में जानना होगा।' चक्रवर्ती के मुताबिक जाति व्यवस्था संसाधनों पर नियंत्रण का प्रयास है। यह व्यवस्था शादियों पर नियंत्रण के जरिए ही बनी रह सकती है। वह कहती हैं कि यह दोनों ही व्यवस्थाएं हिंसा के जरिए अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं। अकसर देखने में आया है कि जब किसी ने इन्हें चुनौती है तो उसे हिंसा का शिकार होना पड़ा है।

आत्महत्या के मामलों में टॉप पर पश्चिम बंगाल
आत्महत्या के मामलों में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है, जबकि राज्य के 2012 के आंकड़े नहीं मिल सके हैं। सूबे में बीते 14 सालों में 15,000 खुदकुशी के मामलों की वजह प्रेम संबंध थे। प्यार में जान देने वालों में दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां प्रेम प्रसंगों के चलते 9,405 लोगों ने 15 साल के दौरान मौत को गले लगा लिया। इनके बाद असम, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और मध्य प्रदेश का नंबर आता है। इन सभी राज्यों में 5,000 से अधिक लोगों ने प्यार में जान दे दी।

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