नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने 200 रुपए के नए नोट लाने की तैयारी शुरू कर दी है। भ्रष्टाचार को कम करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए आरबीआई यह कदम उठा रहा है। सूत्रों के अनुसार 200 रुपये के नोट पर सुरक्षा के खास फीचर होंगे ताकि इसका नकली नोट नहीं बनाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने 200 रुपए छापने की मंजूरी दे दी है और इन नए नोटों में सुरक्षा फीचर का भी अधिक ध्यान दिया जाएगा। 200 रुपए के नोट में नए सिक्योरिटी फीचर्स होंगे ताकि इसकी नकल करना नामुमकिन होगा। जानकारी के अनुसार 200 रुपए के साथ 1000 और 100 रुपए के नए नोट को नए सिरे से छपने का प्रस्ताव बोर्ड ने दिया है।
इसके अलावा सरकार 500 और 2000 रुपए के बैंक नोटों के सुरक्षा फीचर में हर 3-4 साल में बदलाव करने की सोच रही है ताकि जाली नोटों की समस्या पर लगाम लगाई जा सके। सरकार ने नोटबंदी के बाद पिछले चार महीने में भारी मात्रा में जाली मुद्रा पकडऩे जाने के मद्देनजर यह फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर गुरुवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त व गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस कदम का समर्थन करते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश अपने मुद्रा नोटों में सुरक्षा फीचर हर 3-4 साल में बदल देते हैं। भारत के लिए इस नीति का पालन करना अनिवार्य है।
सूत्रों के अनुसार आरबीआई ने 200 रुपए छापने की मंजूरी दे दी है और इन नए नोटों में सुरक्षा फीचर का भी अधिक ध्यान दिया जाएगा। 200 रुपए के नोट में नए सिक्योरिटी फीचर्स होंगे ताकि इसकी नकल करना नामुमकिन होगा। जानकारी के अनुसार 200 रुपए के साथ 1000 और 100 रुपए के नए नोट को नए सिरे से छपने का प्रस्ताव बोर्ड ने दिया है।
इसके अलावा सरकार 500 और 2000 रुपए के बैंक नोटों के सुरक्षा फीचर में हर 3-4 साल में बदलाव करने की सोच रही है ताकि जाली नोटों की समस्या पर लगाम लगाई जा सके। सरकार ने नोटबंदी के बाद पिछले चार महीने में भारी मात्रा में जाली मुद्रा पकडऩे जाने के मद्देनजर यह फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार इस मुद्दे पर गुरुवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि सहित वित्त व गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस कदम का समर्थन करते हुए गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर विकसित देश अपने मुद्रा नोटों में सुरक्षा फीचर हर 3-4 साल में बदल देते हैं। भारत के लिए इस नीति का पालन करना अनिवार्य है।
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