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Thursday 30 March 2017

पढ़ाई पर बेटी से बहस, मां-बाप ने दी जान

पढ़ाई का प्रेशर: इंजिनियरिंग स्टूडेंट ने की सूइसाइड की कोशिश, एक कपल का मिला शव

अहमदाबाद/नई दिल्ली
एग्जाम टाइम में अच्छी पर्फॉर्मेंस न दे पाने या पैरंट्स के दबाव, उनकी अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाने के चलते स्टूंडेंट्स सूइसाइड के तो आपने कई मामले देखे-सुने होंगे। लेकिन, यह दबाव सिर्फ स्टूडेंट्स की ही जान नहीं ले रहा, मां-बाप भी सूइसाइड का रास्ता चुन रहे हैं। ऐसा भी देखने को मिल रहा है की बच्चों की पढ़ाई का टेंशन मां-बाप की जान पर भारी पड़ जा रहा है। सुनहरे भविष्य की चिंता प्रेशर बना रही है, डिप्रेशन में भेज रही है और अंत हो रहा है सूइसाइड या इसकी कोशिश ते साथ।

इसी हफ्ते ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जहां एक में तो पढ़ाई के टाइमटबेल को लेकर बेटी से बहस के बाद मां-बाप का शव मिलता है और दूसरी तरफ एक इंजिनियरिंग स्टूडेंट इसलिए सूइसाइड की कोशिश करता है क्योंकि उसने जबरन इस कोर्स को चुना। वह इंजिनियरिंग नहीं करना चाहता था।

अहमदाबाद में बुधवार को साबरमती से नारायण घाट के पास से एक दंपती के शव निकाले गए। ये शव थे सेंट्रल एक्साइज सूपेरिंटेंडेंट और उनकी पत्नी के। पुलिस के मुताबिक, चिमन फुलवानी और लक्ष्मी फुलवानी 12वीं की स्टूडेंट अपनी बेटी के साथ पढ़ाई को लेकर बहस के बाद आधी रात को 2 बजे घर से निकले थे। बहस पढ़ाई की टाइमिंग को लेकर हुई थी, पुलिस को शक है कि कपल ने भावुकता के आवेश में आकर सूइसाइड जैसा कदम उठाया होगा। पुलिस ने ऐक्सिडेंटल मौत का केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, कपल की 17 वर्षीय बेटी का अगले दिन पेपर था और वह 12 बजे आधी रात को पढ़ाई कर रही थी। इसपर मां-बाप ने उसे सो जाने को कहते हुए पढ़ाई-लिखाई की टाइमिंग बदलने के लिए कहा। रात करीब 1:30 बजे इसी बात को लेकर बेटी के साथ कपल की बहस हुई और उसे घर में बंदकर कपल गुस्से में बाहर निकल गया। कपल का एक बेटा भी है, जिसका नाम हरीश है। हरीश ने मां-बाप को कॉल किया, उसी ने पुलिस को जानकारी दी और सुबह 5 बजे कपल के शव बरामद किए गए।

इसके उलट दिल्ली से एक इंजिनियरिंग स्टूडेंट द्वारा सूइसाइड की कोशिश का मामला भी बुधवार का ही है। आईआईटी दिल्ली में पढ़ रहे 19 वर्षीय छात्र ने हॉस्टल के चौथे माले से छलांग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि उसे गंभीर चोटें आई हैं, लेकिन उसकी हालत स्थिर है। डीसीपी साउथ ईश्वर सिंह ने बताया, 'उसके दोस्तों ने बताया कि वह इंजिनियरिंग करना चाहता था, लेकिन स्कूल के बाद उसे यह कोर्स करने के लिए मजबूर किया गया। मंगलवार रात वह बहुत व्याकुल था, सुबह 4 बजे हमने उसके साथ कैंपस वॉक के लिए कहा। उसका बर्ताव हिंसात्मक था, वह बालकनी में गया और उसने छलांग लगा दी।'

स्टूडेंट्स ने उसे खून से लथपथ देखा और पीसीआर कॉल की। डीसीपी ईश्वर सिंह ने बताया कि अब तक कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है, लेकिन ऐसा लगता है कि छात्र डिप्रेशन में था।

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