छत्तीसगढ़ में जोरों से चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के बीच नक्सली अपने लुप्त हो रहे जनाधार को वापस कायम करने के लिए जुट गए हैं. वो अबूझमाड़ में ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से दूर कर उन्हें सरकार के करीब आने से रोक रहे हैं.
हाल ही के दिनों में अबूझमाड़ के लाल गलियारे में नक्सलियों ने नया कानून बनाया है, जिसमें पैगाम जारी कर कहा गया है कि जो भी ग्रामीण प्रधानमंत्री और इंदिरा आवास योजना के तहत सरकारी मकान में रहेगा, उसे अपना गांव छोड़कर जाना होगा.
अबूझमाड़ के जंगल से जो बात निकल कर आ रही है, उसमें नक्सलियों ने लोगों को नसीहत देते हुए दो टूक कहा है कि जो भी परिवार सरकारी आवास में रहेगा, उसकी खैर नहीं होगी.
सूत्रों की मानें तो नक्सलियों ने पंचायत के सरपंच और सचिव की बैठक लेकर उन्हें खूब फटकार लगाई है. पंचायत प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री आवास योजना से दूर रहने की बात कही है कि जो भी पंचायत का सचिव ग्रामीणों को बैंक में खाता खुलवाने के लिए नारायणपुर लेकर जाएगा, उसे जनताना सरकार के जन अदालत में सजा दिया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने पदमकोट, निलागुर, कुतेल, धुरबेड़ा, परपा, कच्चपाल, गोमागाल, टाहकावाड़ा, थुलथुली, नैडनार, कोंगे समेत अन्य गांव के लोगों को फरमान सुनाया है.
दूसरी ओर जिला प्रशासन ग्रामीणों को आवास उपलब्ध कराने के लिए जियोटेक सर्वे का काम पूरा कर ग्रामीणों का खाता खुलवाने के लिए पिछले कई दिनों से प्रयास कर रही है. नक्सली बंदिश के बाद कई गांव के ग्रामीण खाता खुलवाने के लिए जिला मुख्यालय नहीं आ रहे हैं.
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