इस बच्चे की उम्र महज 10 साल है लेकिन वजन 192 किलो है। आर्य परमाना इंडोनेशिया का रहने वाला है जिसे दुनिया का सबसे मोटा बच्चा माना जा रहा है। इस मोटे बच्चे की नाप के कपड़े मार्केट में मिल ही नहीं पा रहे है। आर्य का मोटापा इस गति से बढ़ रहा है कि उसके माता-पिता ने चिंतित होकर उसे क्रैश डाइट पर रख दिया है। अब इस बच्चे को ब्राउन राइस ही खाने को दिया जाता है। इससे पहले आर्य दिनभर में पांच बार खाना खा लेता था।
जन्म के समय नॉर्मल था आर्य...
आर्य के माता पिता कहते है कि जन्म के समय आर्य सामान्य बच्चों की तरह था। उसकी मां को प्रेगनेंसी के समय किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं थी और जब आर्य ने जन्म लिया था तो उसका वजन 3.2 किलो ग्राम था। 2 साल तक आर्य में कोई बदलाव दिखाई नहीं दिया। लेकिन बाद में उसका वजन बढऩे लगा। धीरे-धीरे वजन तेजी से बढऩे लगा और स्थिति बेकाबू होने लगी आज आर्य की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि कपड़ो की जगह उसे चादर लपेट कर ही रहना पड़ता है।
आर्य का स्कूल जाना भी छूट गया...
आर्य की मां कहती है कि वह सही से अपना संतुलन भी नहीं बना पाता और मुश्किल से एक दो कदम ही चलने के बाद गिर जाता है। क्योंकि उसका वजन ही इतना ज्यादा हो गया है की वह थोड़ी दूर चलकर ही थक जाता है। इसी कारण से अब वह स्कूल भी नहीं जाता है। वह तो सिर्फ खाता है और सो जाता है।
डाक्टरों को भी समझ नहीं आ रही है आर्य की बीमारी...
आर्य के माता पिता बहुत ही परेशान है वो भी चाहते है की उनका बच्चा भी सामान्य बच्चों की तरह स्कूल जाये, खेले कूदे। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। आर्य को अपने पास के गांव में और आस-पास के इलाकों में कई डाक्टरों को भी दिखाया है। लेकिन किसी भी जांच में कोई असमान्य बात सामने नहीं आई। ऐसा कोई लक्षण नहीं मिला है जो उसमें बढ़ने वाले मोटापे की वजह बता सके। डाक्टरों ने भी उसे बड़े शहर और बड़े डाक्टरों को दिखाने को कहा है। उसके पिता एक साधारण किसान हैं और उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो अपने बेटे का मंहगा इलाज करा सके। अब वे लोग किसी बाहरी मदद की उम्मीद लेकर जी रहे हैं ताकि उनके बेटे का इलाज हो सके।
जन्म के समय नॉर्मल था आर्य...
आर्य के माता पिता कहते है कि जन्म के समय आर्य सामान्य बच्चों की तरह था। उसकी मां को प्रेगनेंसी के समय किसी तरह की कोई प्रॉब्लम नहीं थी और जब आर्य ने जन्म लिया था तो उसका वजन 3.2 किलो ग्राम था। 2 साल तक आर्य में कोई बदलाव दिखाई नहीं दिया। लेकिन बाद में उसका वजन बढऩे लगा। धीरे-धीरे वजन तेजी से बढऩे लगा और स्थिति बेकाबू होने लगी आज आर्य की स्थिति ऐसी हो चुकी है कि कपड़ो की जगह उसे चादर लपेट कर ही रहना पड़ता है।
आर्य का स्कूल जाना भी छूट गया...
आर्य की मां कहती है कि वह सही से अपना संतुलन भी नहीं बना पाता और मुश्किल से एक दो कदम ही चलने के बाद गिर जाता है। क्योंकि उसका वजन ही इतना ज्यादा हो गया है की वह थोड़ी दूर चलकर ही थक जाता है। इसी कारण से अब वह स्कूल भी नहीं जाता है। वह तो सिर्फ खाता है और सो जाता है।
डाक्टरों को भी समझ नहीं आ रही है आर्य की बीमारी...
आर्य के माता पिता बहुत ही परेशान है वो भी चाहते है की उनका बच्चा भी सामान्य बच्चों की तरह स्कूल जाये, खेले कूदे। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। आर्य को अपने पास के गांव में और आस-पास के इलाकों में कई डाक्टरों को भी दिखाया है। लेकिन किसी भी जांच में कोई असमान्य बात सामने नहीं आई। ऐसा कोई लक्षण नहीं मिला है जो उसमें बढ़ने वाले मोटापे की वजह बता सके। डाक्टरों ने भी उसे बड़े शहर और बड़े डाक्टरों को दिखाने को कहा है। उसके पिता एक साधारण किसान हैं और उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वो अपने बेटे का मंहगा इलाज करा सके। अब वे लोग किसी बाहरी मदद की उम्मीद लेकर जी रहे हैं ताकि उनके बेटे का इलाज हो सके।
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