नई दिल्ली:
नोटबंदी के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए तैयार सरकार इस बार आम बजट 2017 में करों में रियायतों की घोषणा कर सकती है। नौकरी पेशा लोगों को बड़ी राहत देते हुए सरकार टैक्स स्लैब में भी बढ़ोतरी कर सकती है।
देश की आर्थिक हालात को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रत्यक्ष करों में बड़े बदलाव कर सकती है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा जारी एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार आयकर छूट सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है। वहीं सरकार बैंक की 3 साल की फिक्सड डिपॉज़िट यानि सावधि जमा पर कर छूट दे सकती है।
होम लोन की ब्याज पर मिलने वाली कर रियायत सीमा को 2 लाख से बढ़कर 3 लाख रुपये भी किया जा सकता है। स्टेट बैंक की रिसर्च रिपोर्ट 'इकोरैप' के अनुसार सरकार बजट 2017 में आयकर छूट सीमा भी बढ़ा सकती है। आयकर धारा 80सी के तहत विभिन्न निवेश और बचत पर मिलने वाली छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार और महाप्रबंधक आर्थिक शोध विभाग सौम्या कांती घोष द्वारा तैयार एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'इस तरह की छूट देने से सरकारी खजाने पर 35,300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।'
रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत करीब 50,000 करोड़ रुपये की कर वसूली और नोटबंदी की वजह से निरस्त देनदारी के तौर पर करीब 75,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की उम्मीद है।
वहीं, नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को करारा झटका लगा है। इसके चलते वित्त वर्ष 2016-17 की जीडीपी दर 7.1% रहने की उम्मीद है जोकि वित्त वर्ष 2015-16 में 7.6% थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां है। इसके अलावा कृषि और SME सेक्टर अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर क्षेत्र है।
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