भगवान विष्णु को समर्पित ग्रन्थ नारद पुराण, महर्षि नारद के मुख से कहा गया वैष्णव पुराण है। इसमें उनके ज्ञान का अनुपम संग्रह प्राप्त होता है। जिसका अनुसरण करके गृहस्थ और विद्यार्थी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यहां कुछ ऐसे काम बताए जा रहे हैं जिसका अनुसरण यदि कोई विद्यार्थी करेगा तो मनचाहा परीक्षा परिणाम पा सकेगा।
* अच्छी नस्ल के घोड़े कभी भी पूरी नींद नहीं सोते, वैसे ही सफलता की चाहत रखने वाले विद्यार्थी कभी भी नींद के वश में नहीं होते। संसार के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर अर्जुन ने नींद पर विजय प्राप्त करने के बाद सफलता के पैमाने तय किए थे। नींद और निंदा पर जो विद्यार्थी विजय पा लेते हैं, उन्हें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।
* जीभ को नियंत्रण में रखना चाहिए, जिन विद्यार्थीयों का ध्यान खाने-पीने में लगा रहता है, वह कभी अध्ययन की ओर एकाग्रता नहीं रख सकते।
* प्राचीन काल में लड़को को उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए गुरूकुल भेजा जाता था। वहां लड़कियों को प्रवेश नहीं दिया जाता था। समय के साथ परिवर्तन आते गए, आज लड़के-लड़की को एकसाथ शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। जो किशोर शिक्षा ग्रहण कर रहे हों उन्हें प्रेम प्रसंगों में नहीं पड़ना चाहिए। ऐसी चीजों से दूरी बनाकर पढ़ाई की तरफ ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।
* गरुड़ और हंस मनचाहे भोजन की तलाश में लंबी दूरी तय करते हैं। विद्यार्थियों को अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए विषय को गहराई तक समझना चाहिए। अपना घरौंदा छोड़कर कहीं दूर-दराज क्षेत्र में जाकर भी पढ़ना पढ़ें तो पीछे नहीं हटना चाहिए।
* पढ़े हुए विषय को नियमित दोहराते रहना चाहिए। इससे परिक्षाओं के दिनों में आसानी रहती है।
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