नारद पुराण के अनुसार ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद फ‌िर जन्म नहीं लेना पड़ता - JBP AWAAZ

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Friday, 20 January 2017

नारद पुराण के अनुसार ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद फ‌िर जन्म नहीं लेना पड़ता

नारद पुराण में धर्मराज ने राजा भगीरथ को बताया है क‌ि क‌िन कार्मों से मनुष्य को मृत्यु के बाद वापस जन्म नहीं लेना पड़ता है यानी मोक्ष की प्राप्त‌ि हो जाती है। अगर आप भी बार-बार जन्म मरण के चक्र से छूटना चाहते हैं तो नारद पुराण की इन बातों से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह उपाय बहुत मश्कि‌ल भी नहीं है इसल‌िए आप बड़ी आसानी से इनका लाभ पा सकते हैं।
नारद पुराण में बताया गया है क‌ि एकादशी के द‌िन जो व्यक्त‌ि सुगंध‌ित फूलों से भगवान व‌िष्‍णु की पूजा करता है वह दस हजार जन्मों के पापों से मुक्त हो जाता है। घी का दीपक भगवान श‌िव और व‌िष्‍णु के समक्ष जलाने से गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त होता है। व्यक्त‌ि ‌ज‌िन ज‌िन वस्तुओं को पाने की चाहत रखता है उनका दान करे तो आवागमन से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है।

भगवान व‌िष्‍णु को न‌ियम‌ित तुलसी का पत्ता अर्प‌ित करने वाला भगवान व‌िष्‍णु के लोक में न‌िवास करता है।

सूर्य के पुष्य नक्षत्र में होने पर, गुरुवार के द‌िन हस्त नक्षत्र होने पर या बुधवार के द‌िन अष्टमी त‌िथ‌ि होने पर भगवान श‌िव का दूध से अभ‌िषेक करने वाला मृत्यु के बाद श‌िवलोक में जाता है। सोमवार के द‌िन श्रवण नक्षत्र होने पर भी भगवान श‌िव का दूध से अभ‌िषेक करने वाला श‌िवलोक जाता है।

जो व्यक्त‌ि गाय की सेवा करते हैं और परायी स्‍त्र‌ियों से दूर रहते हैं वह भगवान व‌िष्‍णु की कृपा से बैकुंठ लोक में जाते हैं और जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाते हैं।

नारायण स्तोत्र के पाठ से जो व्यक्त‌ि भगवान व‌िष्‍णु की पूजा और ध्यान करता है उसकी सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं और वह परलोक में जाकर भगवान व‌िष्‍णु के धाम में व‌िराजता है।

मंद‌िर में नृत्य और गान करने वाले श्रद्धालु रुद्र लोक में जाकर मोक्ष को प्राप्त कर लेते हैं।

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