- स्वीडिश मसाज थेरेपी (Swedish Massage)- ये सबसे पॉपुलर मसाज है जिसे सिंपली मसाज थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है. ये मसाज मसाज लोशन या ऑयल से होती है. ये बहुत ही कोमल और आरामदायक होती है. अगर आप पहली बार मसाज करवाने जा रहे हैं तो स्वीडिश मसाज थेरेपी ले सकते हैं.
- अरोमाथेरेपी मसाज (Aromatherapy Massage) – अमरोमाथेरेपी मसाज में एक या इससे अधिक सेंट प्लांट्स का इस्तेमाल होता है जिसे एसेंशियल ऑयल कहा जाता है. इस मसाज में इस्तेमाल हुए ऑयल्स बॉडी को रिलैक्स करने के साथ-साथ एनर्जी देते हैं, स्ट्रेस कम करते हैं. अरोमाथेरेपी में सबसे ज्यादा जो एसेंशियल ऑयल इस्तेमाल होता है वो है लैवेंडर.
- हॉट स्टोन मसाज (Hot Stone Massage)- टाइट मांसपेशियों को लूज करने, बॉडी को गर्म करने और बॉडी की एनर्जी बैलेंस करने के लिए हॉट स्टोन मसाज का इस्तेमाल होता है. इस मसाज के दौरान गर्म और चिकने पत्थर बॉडी के कुछ चुनिंदा हिस्सों में रखें जाते हैं. मसाज थेरेपिस्ट गर्म स्टोन को होल्ड करके भी बॉडी के कई हिस्सों में प्रेशर बनाते हैं. होट स्टोन मसाज आमतौर पर उन लोगों के लिए बेस्ट है जिनको मसल्स टेंशन हैं.
- डीप टिश्यूस मसाज (Deep Tissue Massage)- ये मसाज मसल्स की डीप लेयर और कनेक्टिव टिश्यूज के लिए की जाती है. मसाज थेरेपिस्ट स्लोअर स्ट्रोक्स और फ्रिक्शन टेक्नीक से मसल्स की मसाज करते हैं. ये मसाज बेहद टाइट की जाती है. ताकि मसल्स से दर्द को दूर किया जा सके. इससे पहले की इंजरी को भी रिकवर किया जा सकता है.
- शिआस्तु मसाज थेरेपी (Shiatsu Massage)- शिआस्तु एक जापानी मसाज थेरेपी है. इस थेरेपी में अंगूठे, उंगलियों और हथेलियों के साथ एक्यूप्रेशर के रूप में दबाव डाला जाता है. हर प्वॉइंट पर एनर्जी के साथ 2 से 8 सेकेंड तक प्रेशर डाला जाता है. इससे बॉडी का बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. इस थेरेपी के बाद बॉडी में कोई सूजन नहीं आती और ना ही दर्द होता है.
- थाई मसाज (Thai Massage) – शिआस्तु थेरेपी की तरह ही थाई मसाज में भी कुछ खास हिस्सों पर एनर्जी के साथ प्रेशर से दबाव डाला जाता है. इसमें योगा की तरह बॉडी स्ट्रेच होती है. ये सबसे ज्यादा एनर्जेटिक होती है. ये तनाव कम करती है और बॉडी को फ्लैसिबल करती है.
- प्रेग्नेंसी मसाज (Pregnancy Massage)- इसे प्रीनेटल मसाज के नाम से भी जाना जाता है. ये प्रेग्नेंट महिलाओं में काफी पॉपुलर मसाज है. इस मसाज को कुछ खास एक्सपर्ट्स द्वारा ही किया जाता है. ये महिलाओं में तनाव को कम करने, स्वैलिंग कम करने, दर्द से राहत दिलाने, डिप्रेशन से बचाने और एंजाइटी दूर करने में मदद करती है. प्रेग्नेंसी मसाज को महिला की जरूरत के हिसाब से कस्टमाइज भी किया जा सकता है.
- रिफ्लैक्सोलॉजी (Reflexology Massage) – इस मसाज को फूट मसाज के नाम से भी जाना जाता है. ये सिंपल फूट मसाज से कहीं ज्यादा होती है. पैरों में अलग-अलग हिस्सों पर प्रेशर डाला जाता है. ये मसाज उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो दिनभर खड़े रहकर काम करते हैं या फिर बहुत टायर्ड रहते हैं या फिर जिनके पैरों में दर्द रहता है.
- स्पोर्ट्स मसाज (Sports Massage)- जो लोग फीजिकल एक्टिविटीज में रहते हैं स्पोर्ट्स मसाज उनके लिए फायदेमंद होती है. ये ना सिर्फ बॉडी को रिलैक्स करती है बल्कि स्पोर्ट्स के दौरान हुई इंजरी को भी ठीक करती है. साथ ही ये खिलाड़ी को परफॉर्मेंस को भी बेहतर करने में मदद करती है. बॉडी में लचीलापन बढ़ाने से लेकर ये मसाज मसल्स की स्टिफनेस को भी खत्म करती है.
- बैक मसाज (Back Massage)– बहुत से क्लीनिक और स्पा सेंटर 30 मिनट की बैक मसाज ऑफर करते हैं. जैसा की नाम से ही पता चल रहा है ये मसाज खासतौर पर कमर के लिए की जाती है. बैक पेन हो या शोल्डर पेन इस मसाज के जरिए दर्द में आराम मिलता है.
Friday, 20 January 2017
ये हैं 10 पॉपुलर बॉडी मसाज, जो आपको दिनभर रखती हैं एनर्जेटिक!
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