नई दिल्ली:
जयपुर लिट्रेरी फेस्टिवल में सोमवार को विवादित बांग्ला लेखिका तसलीमा तसरीन ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड जरूरी है।
इस सम्मेलन में तसलीमा के आने को लेकर पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आयोजकों को डर था कि तसलीमा का विरोध किया जाएगा इसलिए इसके बारे में किसी को सूचित नहीं किया गया। तसलीमा 'Exile' (देश निकाला) सत्र में इन बातों को कहा।
जयपुर लिट्रेरी फेस्टिवल में सोमवार को विवादित बांग्ला लेखिका तसलीमा तसरीन पहुंची। कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को लेकर पहले से किसी को जानकारी नहीं दी गई थी।
इस्लामिक कट्टरपंथ पर बोलते हुए तसलीमा ने कहा कि 'जब भी मैं इस्लाम धर्म की आलोचना करती हूं तो इस्लामिक कट्टरपंथी मुझे मारने को दौड़ते हैं, यह सब दूसरे धर्म में नहीं होता। इस्लाम का सहिष्णु होना जरूरी है।'
इस दौरान उन्होंने कहा कि वह हिंदू कट्टरपंथ और तरह के साथ साथ सभी कट्टरपंथ के भी खिलाफ हैं। भारत को लेकर कहा कि वह यहां हमेशा सुरक्षित महसूस नहीं करती लेकिन यहां हालात इतने भी खराब नहीं है कि देश छोड़ना पड़ जाए।
बांग्लादेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां धर्मनिरपेक्ष लेखकों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रवाद में यकीन नहीं रखती और उनके लिए पूरी दुनिया एक है.
देश निकाले के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'अगर मेरा बस चलता तो मैं बांग्लादेश में नहीं रहना चाहती। लेकिन भारत ही वो देश जहां मैं घर जैसा महसूस करती हूं।'
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