नई दिल्ली। प्रदर्शन और विवादों के बीच जल्लीकट्टू को लेकर राज्य सरकार के अध्यादेश को गवर्नर विद्यासागर राव ने मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी का मतलब है अब तमिलनाडु में बिना किसी रोक टोक के जल्लीकट्टू खेला जा सकत है। सीएम पन्नीरसेल्वम रविवार को जल्लीकट्टू का उद्घाटन करेंगे।
पीएम मोदी ने भी किया था समर्थन
जल्लीकट्टू पर जारी प्रदर्शन और विरोध के बीच पीएम मोदी ने इसका समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि संस्कृति और परंपराओं को बचाना हमारा कर्तव्य है और इसकी पूरी कोशिश की जाएगी। पीएम ने जल्लीकट्टू को लेकर ट्वीट भी किया था। उन्होंने ट्वीट किया था कि तमिलनाडु की परंपरा और संस्कृति पर उन्हें गर्व है। पूरे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर रोक के विरोध में प्रदर्शन किया गया जिसका बाद केंद्र सरकार को मजबूरी में अध्यादेश का रास्ता चुनना पड़ा जिसे गवर्नर ने मंजूरी दे दी है।
400 साल पुरानी है परंपरा
जल्लीकट्टू पिछले कई शताब्दियों से तमिलनाडु में खेला जाता है। फसल कटाई के अवसर पर तमिलनाडु में पोंगल पर्व मनाया जाता है। ये परंपरा करीब 400 साल पुरानी है जिसमें सांड को परेशान कर भीड़ में छोड़ दिया जाता है।
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने लगाया था बैैन
2014 में सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर बैन लगा दिया था। अध्यादेश लाकर पिछले साल इस खेल को अनुमति मिली। इस बार भी सरकार के अध्यादेश को गवर्नर ने मंजूर किया है। जल्लीकट्टू का दक्षिण भारत के तमाम लोगों और सेलिब्रिटीज ने समर्थन किया है लेकिन PETA लगातार इसका विरोध करता रहा है।
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