सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रशासकों के नामों की घोषणा 24 जनवरी को की जाएगी। इस बीच, कोर्ट ने अपने पहले के एक आदेश में सुधार भी किया, जिसके तहत किसी भी राज्य संगठन और बीसीसीआई में 9 साल का कुल कार्यकाल करने वाला व्यक्ति क्रिकेट की इस शीर्ष संस्था में किसी भी पद के लिए अयोग्य होगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सालभर से ज्यादा समय से चल रहे मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में सुधार के साथ स्पष्ट किया गया कि राज्य संगठन या सीबीसीआई में 9 साल के कार्यकाल को जोड़कर विचार नहीं किया जाएगा। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने निर्देश दिया कि न्याय मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल दीवान और गोपाल सुब्रमणियम द्वारा बीसीसीआई के प्रशासकों के रूप में नियुक्ति के लिए उपलब्ध कराए गए नामों को गोपनीय रखा जाए। कोर्ट ने इन न्याय मित्रों से कहा गया था कि वे उन व्यक्तियों के नामों का सुझाव दें, जो बीसीसीआई के लिए उपयुक्त प्रशासक हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में सुधार के साथ स्पष्ट किया गया कि राज्य संगठन या सीबीसीआई में 9 साल के कार्यकाल को जोड़कर विचार नहीं किया जाएगा। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविलकर और जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने निर्देश दिया कि न्याय मित्र के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल दीवान और गोपाल सुब्रमणियम द्वारा बीसीसीआई के प्रशासकों के रूप में नियुक्ति के लिए उपलब्ध कराए गए नामों को गोपनीय रखा जाए। कोर्ट ने इन न्याय मित्रों से कहा गया था कि वे उन व्यक्तियों के नामों का सुझाव दें, जो बीसीसीआई के लिए उपयुक्त प्रशासक हो सकते हैं।
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