चंडीगढ़. रेप केस में 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम ने 2015 में टोपी पहनकर पासपोर्ट के लिए फोटो खिंचवाई थी। डिपार्टमेंट ने भी नियमों को ताक पर रखकर अंबाला से ऐसा पासपोर्ट जारी कर दिया, वो भी महज आधे घंटे में। विदेश मंत्रालय इसकी जांच कर रहा है। रूल्स के मुताबिक, एप्लिकेंट पासपोर्ट के लिए फोटो खिंचवाते समय टोपी नहीं पहन सकता। अफसरों की मानें तो राम रहीम पर पासपोर्ट एक्ट के तहत केस दर्ज हो सकता है।राम रहीम के दो पासपोर्ट
- अंबाला से आधे घंटे में जारी हुआ यह पासपोर्ट आमतौर पर चंडीगढ़ ऑफिस से ही जारी होता है, क्योंकि इसकी प्रिंटिंग, लेमिनेशन सब कुछ यहीं होता है।
- 2017 में गुरमीत ने दूसरा पासपोर्ट जारी करवाया, इस बार सिर पर टोपी नहीं डाली। नाम लिखवाया- संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां। बता दें कि रूल्स के मुताबिक, नाम के आगे संत, डॉक्टर, प्रोफेसर आदि नहीं लगा सकते।
फिल्म के प्रमोशन के लिए कोर्ट से पासपोर्ट जारी कराने की ली थी परमिशन
- राम रहीम ने अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए विदेश जाने की दलील देकर कोर्ट से पासपोर्ट जारी करवाने की परमिशन मांगी थी। सीबीआई काेर्ट ने कुछ समय के लिए पासपोर्ट जारी करने के ऑर्डर दिए थे।
- 2015 में राम रहीम को पासपोर्ट जारी करने के लिए विदेश मंत्रालय ने अपने सभी इम्प्लॉइज को अंबाला पासपोर्ट सर्विस सेंटर में सुबह 8 बजे ही बुला लिया था। लाखों समर्थक भी वहां इकट्ठा हो गए थे।
- फॉरेन मिनिस्ट्री यह भी जांच कर रही है कि पासपोर्ट सर्विस सेंटर खुलने का समय सुबह 9 बजे है। ऐसे में वक्त से पहले एप्लिकेशन मंजूर कैसे की गई?
तुरंत जारी हुआ था पासपोर्ट, राम रहीम को हाथों हाथ दिया गया
- चंडीगढ़ पासपोर्ट ऑफिस के अफसरों ने तुरंत में पासपोर्ट जारी किया था। इसके लिए राम रहीम ने हरियाणा के आईपीएस अधिकारी से एडवांस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट भी जारी करवाया था। इसी आधार पर चंडीगढ़ के तब पासपोर्ट ऑफिसर रहे राकेश अग्रवाल ने पासपोर्ट जारी किया था।
- विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी एंड चीफ पासपोर्ट ऑफिसर अरुण कुमार चटर्जी का कहना है कि वह इस बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकते।
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