मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले के प्रमुख आरोपियों में शामिल नितिन मोहिंद्रा के पिता की गुमनामी में मौत हो गई. करोड़ों रुपए के घोटाले के आरोपी नितिन मोहिंद्रा के पिता मुफलिसी में जिंदगी गुजार रहे थे. परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया, जिसके बाद चंदा इकठ्ठा कर उनकी अंत्येष्टि की गई.
व्यापम घोटाले में जमानत पर रिहा नितिन मोहिंद्रा के पिता जयकिशन मोहिंद्रा पिछले 25 वर्षों से मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के वारासिवनी में रह रहे थे. मोहिंद्रा के निधन के वक्त परिवार का कोई भी सदस्य उनके पास मौजूद नहीं था.
हर रोज चाय और नाश्ता लेकर पहुंचने वाले होटल के कर्मचारी ने घर का दरवाजा नहीं खोलने पर पड़ोसियो और पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने दरवाजे का ताला तोड़ा तो पलंग के नीचे बुजुर्ग जयकिशन का शव पड़ा हुआ था.
जयकिशन जिंदगी के अंतिम दिनों में मुफलिसी से गुजर रहे थे. एक बेटी उन्हें खर्चे के रुपए भेजती थी, जिससे उनकी जिंदगी चल रही थी. चाय और नाश्ते से लेकर खाना तक उनके लिए होटल से ही आता था.
बताते हैं कि जयकिशन के निधन की सूचना परिजनों को दी गई तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया तक नहीं दी. परिजन उनके अंतिम संस्कार के लिए भी राजी नहीं हुए, जिसके बाद स्थानीय पंजाबी समाज के लोगों ने चंदा कर उनकी अंत्येष्टि की.
दिवंगत जयकिशन के बारे में बताया जा रहा है कि वह उज्जैन में पोहा का व्यवसाय करते थे. 25 साल पहले अपने भांजे के साथ वह बालाघाट जिले के वारासिवनी कस्बे में आकर बस गए गए थे.
हालांकि, कोई इस बात पर बात नहीं करना चाहता है कि ऐसी क्या तल्खी आ गई थी कि जयकिशन और परिजनों में इतनी दूरियां बढ़ गई और कोई भी उनके अंतिम संस्कार तक के लिए नहीं आया.
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