गुजरात का गढ़ जीतने के लिए मैदान में उतरी है BJP दिग्गजों की ये टीम - JBP AWAAZ

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Saturday, 25 November 2017

गुजरात का गढ़ जीतने के लिए मैदान में उतरी है BJP दिग्गजों की ये टीम

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को कुशल कूटनीतिज्ञ कहा जाता है. इसका सबूत वो पिछले कई चुनावों में दे भी चुके हैं. सबसे ताजा मिसाल यूपी की है. वहां अमित शाह ने बीजेपी के लिए इस तरह की फील्डिंग सेट की थी कि उसके सामने अखिलेश-राहुल गांधी जैसे ‘यूपी के लड़कों’’ का गठबंधन हो या ‘बहनजी’ मायावती का सांगठनिक कौशल, सब चारों खाने चित नजर आए. अमित शाह के लिए इस समय चुनौती गृह राज्य गुजरात में बीजेपी का दबदबा बनाए रखने की है. गुजरात सिर्फ अमित शाह का ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी गृह राज्य है. वैसे भी गुजरात में पिछले पांच विधानसभा चुनावों में बीजेपी ही जीत का परचम लहराती आ रही है. इसलिए गुजरात में बीजेपी के लिए यह साख का सवाल है.   

बूथ लेवल तक पैनी नजर   

ऐसे में अमित शाह गुजरात में सांगठनिक मोर्चे पर कहीं कोई चूक नहीं होने देना चाहते. यही वजह है कि चुनाव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात पर अमित शाह खुद पैनी नजर रखे हुए हैं. साथ ही उन्होंने गुजरात में अपने भरोसेमंद लोगों को उनकी दक्षता के हिसाब से खास जिम्मेदारी दी हुई है. बीजेपी चुनावों में पन्ना प्रमुखों और बूथ इंचार्ज की भूमिका को बहुत अहम मानती है. यही वजह है कि गुजरात के सभी 182 विधानसभा सीटों के लिए दस लाख से ज्यादा पन्ना प्रमुखों और 58 हजार बूथ इंचार्ज से फीडबैक लेने की जिम्मेदारी 182 विधानसभा इंचार्जों की है.

गुजरात में 182 विधानसभा सीट इंचार्जों से बीजेपी के गुजरात संगठन मंत्री भिखुभाई दलसानिया फीडबैक लेते हैं. भिखुभाई दलसानिया 2004 से गुजरात के संगठन मंत्री का काम देख रहे हैं. इस भूमिका के तौर पर उन्होंने दो लोकसभा चुनावों और दो विधानसभा चुनावों में संगठन की जिम्मेदारी निभाई है. सभी जगह से मिले फीडबैक के आधार पर वक्त की जरूरत के अनुसार अमित शाह और उनकी टीम रणनीति की दशा और दिशा तय करती है. इसमें सोशल मीडिया चुनावी रणनीति भी शामिल है.

सोशल मीडिया कैंपेन पर जोर

सोशल मीडिया रणनीति को अमल में लाने का जिम्मा बीजेपी ओवरसीज के संयोजक विजय चौथाईवाला पर है. चौथाईवाला 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के सोशल मीडिया की जिम्मेदारी कुशलता से निभा चुके हैं. इस टीम में पंकज शुक्ला भी हैं. चौथाईवाला को पीएम मोदी और अमित शाह दोनों का ही विश्वासपात्र माना जाता है.

क्या रहेगा पार्टी का पक्ष

मीडिया में किस मुद्दे को कैसे लेकर जाना है, कौन सा नेता किस मुद्दे पर प्रेस कान्फ्रेंस करेगा, ये सारा काम बीजेपी के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रमुख संजय मयुख, पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव के साथ मिलकर करते हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली फ़ोन पर ब्रीफ करते हैं पार्टी की लाइन किस मुद्दे पर क्या रहेगी. जेटली गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के प्रभारी मंत्री हैं.

उम्मीदवारों से सीधा संपर्क

बीजेपी महासचिव अनिल जैन 182 विधानसभा सीटों के लिए बनाए गए कॉल सेंटर्स के फ़ीड बैक लेते हैं. अनिल जैन ही तय कर रहे हैं कि किस मंत्री, किस मुख्यमंत्री की, किस नेता की कहां पर रैली होगी. साथ ही वे चुनाव से जुड़े सभी काम भी देख रहे हैं. गुजरात बीजेपी प्रभारी भूपेन्द्र यादव और बीजेपी महासचिव रामलाल सभी 182 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों और ज़िला अध्यक्षों के साथ सीधे फोन संपर्क में हैं. उम्मीदवारों की सभी समस्याओं को सुलझाने की जिम्मेदारी इन्हीं पर है.

बीजेपी ने पूरे गुजरात चुनाव को चार ज़ोन में बांटा हैं. पार्टी ने जिन चार केंद्रीय मंत्रियों को गुजरात का सह प्रभारी बनाया हैं उनको एक एक ज़ोन का प्रभारी बना दिया हैं. इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, निर्मला सीतारमण, जितेंद्र सिंह और पीपी चौधरी शामिल हैं.

वरिष्ठ नेताओं से फीडबैक

पूरे दिन चुनावी प्रचार की भागदौड़ के बाद अमित शाह देर रात को मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, बीजेपी महासचिव संगठन रामलाल, गुजरात बीजेपी इंचार्ज और महासचिव भूपेन्द्र यादव, बीजेपी महासचिव अनिल जैन और संगठन मंत्री गुजरात भिखुभाई दलसानिया के साथ बैठक करते हैं और पूरे दिन का फ़ीड बैक लेते हैं. अगर कोई अन्य वरिष्ठ मंत्री प्रचार में रहता हैं तो वो भी बैठक में रहता हैं. इसी बैठक में पार्टी की अगले दिन की रणनीति का खाका तैयार किया जाता है.

प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह दोनों ही अच्छी तरह जानते हैं कि राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनाव से ये चुनाव अलग हैं. पिछले तीनों विधानसभा चुनाव बीजेपी ने नरेंद्र मोदी को पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर आगे करके लड़े थे. इस बार पार्टी का सीएम चेहरा मोदी नहीं विजय रूपाणी हैं. बीजेपी हाई कमान ने रूपाणी को आनंदीबेन पटेल को हटा कर गुजरात के मुख्यमंत्री की गद्दी पर बिठाया था.

विजय रूपाणी जैन समुदाय से आते हैं जिनका गुजरात में वोट शेयर लगभग दो फीसदी है. नाराज माने जा रहे पाटीदार समुदाय को इस चुनाव में साधना भी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. दीवार पर लिखी इबारत साफ है कि पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी गुजरात चुनाव में पार्टी की ओर से कहीं कोई चूक होने नहीं देना चाहती. यही वजह है कि सबसे भरोसे के सिपहसालारों को चुन-चुन कर चुनाव के खास मोर्चों पर तैनात किया गया है.  

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