गुरुग्रामः प्रद्युम्न की मौत को तीन दिन गुजर चुके हैं। हालांकि पुलिस ने कई एक पहलुओं को उजागर कर दिया लेकिन बावजूद इसके कई एक सवाल हैं जिनका जवाब अभी तक पुलिस ने उजागर नहीं किया। शायद ये भी हो सकता है कि ये प्रश्न पुलिस की जांच का अहम हिस्सा हो इसलिए पुलिस अभी उन्हें उजागर करने से कतरा रही हो लेकिन इस घटना से आहत हरेक शक्स के मन को बार बार कचोट रहे हैं। आखिर उस दिन प्रद्युम्न के साथ हुआ क्या था? कैसे वो बाथरुम तक पहुंचा, कैसे बस का कंडक्टर बाथरुम तक पुहंचा। उसके पास चाकू कहां से आया और क्या वारदात के वक्त बाथरुम के आसपास कोई मौजूद नहीं था।
कहां गए वो खून से सने कपड़े और चाकू ?
घटना के बाद पुलिस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। ब्रीफिंग पुलिस ने बताया कि स्कूल के एक माली ने अशोक को खून से सना चाकू धोते हुए देखा था, जिसके बाद फंसने से बचने के लिए अशोक ने खुद ही शोर मचाना और बच्चे को गोद में उठाकर भागना शुरु कर दिया। इसी माली की निशानदेही पर अशोक की गिरफ्तारी हुई लेकिन पुलिस ने ये नहीं बताया कि गिरफ्तार के वक्त वो खून से सने कपड़ो में था या घर जाकर अपने कपड़े बदल लिए थे। न ही उसके संबंध कोई जानकारी दी।
कहीं स्कूल प्रबंधन कुछ छुपा तो नहीं रहा?
पुलिस के मुताबिक, अगर स्कूल के माली ने अशोक को बाथरुम में चाकू धोते हुए देख लिया था तो फिर उसी वक्त उसके कहने पर या स्टूडेंट और टीचर के देखने पर आरोपी अशोक को रंगे हाथों क्यों नहीं पकड़ा गया। कहीं स्कूल प्रबंधन कुछ छिपाने या दबाने की कोशिश में तो नहीं कर रहा है।
क्या वारदात की पहले से ही प्लानिंग थी?
पुलिस के तथ्यों के मुताबिक, प्रद्युम्न के पिता ने उसे 7.55 में स्कूल के गेट पर छोड़ा था। जबकि महज 15 मिनट बाद उन्हें बच्चे के लहूलुहान होने की खबर आ गई। अब सवाल ये है कि आखिर इतनी जल्दी ये वारदात कैसे हो गई वो भी तब जब बाथरुम उसके क्लास से महज दस कदम के फासले पर है। उस वक्त क्लास से लेकर कॉरीडोर में बहुत से बच्चे मौजूद थे। इसके अलावा क्या उस कंडक्टर ने कई दिन पहले से इसकी प्लानिंग कर रहा था कि उसे एेसे मारना जो इतने कम समय में पूरी वारदात को अंजाम दे दिया।
स्कूल प्रबंधन ने क्यों साफ कराया खून?
इस बात की शिकायत तो खुद प्रद्युम्न के घरवाले भी कर चुके हैं कि स्कूल प्रबंधन ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही बाथरुम से खून के धब्बे साफ करा दिए थे। सवाल ये है कि स्कूल प्रशासन ने पुलिस के पहुंचने तक घटनास्थल को जस का तस क्यों नहीं छोड़ा। एेसे में पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सबूत मिटाने की धाराएं क्यों नहीं जोडी।
चाकू कहां से खरीदा, टूल में क्यों रखता था?
आरोपी अशोक बस के टूल बॉक्स से चाकू लेकर उसे धोने के लिए बाथरुम गया था। हालांकि टूल बॉक्स में चाकू रखने का कोई तुक नहीं बनता है। एेसे में सवाल उठता है कि ये चाकू आरोपी खुद खरीद कर लाया था या किसी और का था। इसके अलावा वो टूट बॉक्स में चाकू क्यों रखता था।
कहां गए वो खून से सने कपड़े और चाकू ?
घटना के बाद पुलिस कंडक्टर अशोक को गिरफ्तार किया था। ब्रीफिंग पुलिस ने बताया कि स्कूल के एक माली ने अशोक को खून से सना चाकू धोते हुए देखा था, जिसके बाद फंसने से बचने के लिए अशोक ने खुद ही शोर मचाना और बच्चे को गोद में उठाकर भागना शुरु कर दिया। इसी माली की निशानदेही पर अशोक की गिरफ्तारी हुई लेकिन पुलिस ने ये नहीं बताया कि गिरफ्तार के वक्त वो खून से सने कपड़ो में था या घर जाकर अपने कपड़े बदल लिए थे। न ही उसके संबंध कोई जानकारी दी।
कहीं स्कूल प्रबंधन कुछ छुपा तो नहीं रहा?
पुलिस के मुताबिक, अगर स्कूल के माली ने अशोक को बाथरुम में चाकू धोते हुए देख लिया था तो फिर उसी वक्त उसके कहने पर या स्टूडेंट और टीचर के देखने पर आरोपी अशोक को रंगे हाथों क्यों नहीं पकड़ा गया। कहीं स्कूल प्रबंधन कुछ छिपाने या दबाने की कोशिश में तो नहीं कर रहा है।
क्या वारदात की पहले से ही प्लानिंग थी?
पुलिस के तथ्यों के मुताबिक, प्रद्युम्न के पिता ने उसे 7.55 में स्कूल के गेट पर छोड़ा था। जबकि महज 15 मिनट बाद उन्हें बच्चे के लहूलुहान होने की खबर आ गई। अब सवाल ये है कि आखिर इतनी जल्दी ये वारदात कैसे हो गई वो भी तब जब बाथरुम उसके क्लास से महज दस कदम के फासले पर है। उस वक्त क्लास से लेकर कॉरीडोर में बहुत से बच्चे मौजूद थे। इसके अलावा क्या उस कंडक्टर ने कई दिन पहले से इसकी प्लानिंग कर रहा था कि उसे एेसे मारना जो इतने कम समय में पूरी वारदात को अंजाम दे दिया।
स्कूल प्रबंधन ने क्यों साफ कराया खून?
इस बात की शिकायत तो खुद प्रद्युम्न के घरवाले भी कर चुके हैं कि स्कूल प्रबंधन ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही बाथरुम से खून के धब्बे साफ करा दिए थे। सवाल ये है कि स्कूल प्रशासन ने पुलिस के पहुंचने तक घटनास्थल को जस का तस क्यों नहीं छोड़ा। एेसे में पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ सबूत मिटाने की धाराएं क्यों नहीं जोडी।
चाकू कहां से खरीदा, टूल में क्यों रखता था?
आरोपी अशोक बस के टूल बॉक्स से चाकू लेकर उसे धोने के लिए बाथरुम गया था। हालांकि टूल बॉक्स में चाकू रखने का कोई तुक नहीं बनता है। एेसे में सवाल उठता है कि ये चाकू आरोपी खुद खरीद कर लाया था या किसी और का था। इसके अलावा वो टूट बॉक्स में चाकू क्यों रखता था।
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