मध्य प्रदेश के किसानों के साथ एक बार फिर से मज़ाक हुआ है. फसल बीमा योजना के तमाम दावों के बीच किसानों को एक बार फिर मायूस होना पड़ा.
मामला सीएम के गृह ज़िले सीहोर का है, सीहोर में किसानों को राहत के नाम पर नाम मात्र की राशि मिल रही है. ऐसे में किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा पनपने लगा है.
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में स्थित बुदनी के कई गांवों के किसान इस समय काफी परेशान हैं. खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाली सरकार के मुखिया के क्षेत्र में ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हाल बेहाल हो गए है.
ग्राम तिलाडिया के उत्तम सिंह के पास 0.809 हैक्टेयर जमीन है, इनको मात्र 17 रूपए 46 पैसे का फसल बीमा, और लाला बाई की ग्राम में सबसे ज्यादा राशि 194 रूपए 24 पैसे मिली है.
इसका रकबा 9 हैक्टैयर है. पूरे गांव में 52 किसान हैं. इन सबको मिला देखा जाए तो 3 हजार 61 रूपए 50 पैसे का बीमा क्लेम मिला है. ऐसे में कैसे किसानों को बर्बाद फसल की लागत मिली होगी इसका अंदाज लगाया जा सकता है. बादामी लाल रहेटी को 4 रूपए सत्तर पैसे क्लेम स्वीकृत किया गया है.
ग्राम रहटी, मिलाडिया में ऐसे एक नही अनेक उदाहरण सामने है जिन्हे ऐसे कम राशि मिली है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरूआत सीहोर से ही हुई थी. यहां ग्राम शेरपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे और उन्होनें किसानों के हित में फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी.
मामला सीएम के गृह ज़िले सीहोर का है, सीहोर में किसानों को राहत के नाम पर नाम मात्र की राशि मिल रही है. ऐसे में किसानों में सरकार के प्रति गुस्सा पनपने लगा है.
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में स्थित बुदनी के कई गांवों के किसान इस समय काफी परेशान हैं. खुद को किसानों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाली सरकार के मुखिया के क्षेत्र में ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के हाल बेहाल हो गए है.
ग्राम तिलाडिया के उत्तम सिंह के पास 0.809 हैक्टेयर जमीन है, इनको मात्र 17 रूपए 46 पैसे का फसल बीमा, और लाला बाई की ग्राम में सबसे ज्यादा राशि 194 रूपए 24 पैसे मिली है.
इसका रकबा 9 हैक्टैयर है. पूरे गांव में 52 किसान हैं. इन सबको मिला देखा जाए तो 3 हजार 61 रूपए 50 पैसे का बीमा क्लेम मिला है. ऐसे में कैसे किसानों को बर्बाद फसल की लागत मिली होगी इसका अंदाज लगाया जा सकता है. बादामी लाल रहेटी को 4 रूपए सत्तर पैसे क्लेम स्वीकृत किया गया है.
ग्राम रहटी, मिलाडिया में ऐसे एक नही अनेक उदाहरण सामने है जिन्हे ऐसे कम राशि मिली है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरूआत सीहोर से ही हुई थी. यहां ग्राम शेरपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे और उन्होनें किसानों के हित में फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी.
No comments:
Post a Comment