बॉलीवुड फिल्म अभिनेता सलमान खान के एक के बाद एक कई नए झूठ सामने आ रहे हैं. सलमान के ये झूठ कहीं न कहीं उनके लिए मुसीबत बनते नजर आ रहे हैं. जैसा कि सभी को पता है कि सलमान ने कोर्ट में एक आवेदन देकर ये बताया कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है और कान में दर्द है, जिसके चलते मैं पेशी पर नहीं आ सकता. लेकिन ठीक उसी दिन सलमान कश्मीर की वादियों में फिल्म 'बजरंगी भाईजान' की शूटिंग करते हुए नजर आए. इस बात को लेकर वन अधिकारी ललित बोड़ा ने अर्जी पेश कर सलमान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज करने की अपील की थी.
अब सलमान खान का एक और झूठ सामने आया है. सलमान ने अपने हथियार के लाइसेंस को कोर्ट द्वारा बार-बार मांगने पर भी जमा नहीं कराया और कोर्ट में एक प्रार्थनापत्र पेश करते हुए बताया कि उनका लाइसेंस कहीं खो गया है. हद तो तब हो गई जब इस बात को लेकर सलमान ने मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 8 अगस्त 2003 में एक मुकदमा भी दर्ज करवा दिया कि उनके हथियार का लाइसेंस कहीं खो गया है. लेकिन जब सलमान ने लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए आवेदन किया तब कोर्ट को उनके इस झूठ का पता चला.
सलमान के इस झूठ को लेकर लोक अभियोजक अधिकारी एन.के. सांखला ने सलमान खान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने का मुकदमा दर्ज करने की बात कही, लेकिन तत्कालीन सीजेएम जज देव कुमार खत्री ने इस प्रार्थना पत्र को मामले के निस्तारण के साथ निस्तारित करने के लिए रखा. लेकिन सलमान खान को आर्म्स एक्ट मामले में बरी कर दिया गया. यह अर्जी अभी तक पेंडिंग है.
लोक अभियोजक भवानी सिंह ने कोर्ट से सीआरपीसी की धारा 340 के अंतर्गत पेंडिंग अर्जी पर सुनवाई करते हुए सलमान के खिलाफ न्यायालय को गुमराह करने का केस दर्ज करने की अपील की. इस अर्जी पर आगामी 13 सितंबर को सुनवाई होगी. ज्ञात हो कि कोर्ट को गुमराह करने के अपराध में अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान है.
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