बरेली, फायर ब्रिगेड रात करीब डेढ़ बजे मौके पर पहुंची और लगातार कोशिश के बाद दो बजे आग बुझ सका। दो यात्री तो गेट पर ही जलते सभी को दिख रहे थे। सभी यही दुआ करते रहे कि अंदर ज्यादा लोग न जलें हों लेकिन जब आग बुझी और बस में अंदर देखा गया तो हर सीट पर यात्रियों के कंकाल ही नजर आ रहे थे। देरतक अनुमान तक नहीं लगाया जा सका कि कितने लोग जिंदा जले हैं। माना जा रहा हा है कि इस हादसे में 22 लोगों की मौत हुई है।
पिछली सीट पर दो बच्चों के थे कंकाल, महिलाओं के कंकाल में चूड़ियां रह गई थीं। हृदयविदारक दृश्य देखकर अफसरों तक की आंखें नम हो गईं। करीब 15 लोग किसी तरह बस से निकलकर अपनी जान बचा पाए थे लेकिन उनमें भी दो की हालत गंभीर बनी हुई है। रात में पहचान की कोशिश की जा रही थी लेकिन ऐसा कोई सामान नहीं बचा था जिससे मरने वालों की पहचान की जा सके। झुलसे लोगों से पूछताछ के आधार पर मरने वालों की पहचान की कोशिश पुलिस रात ढाई बजे तक करती रही लेकिन झुलसे लोगों की हालत भी ठीक न होने से पहचान नहीं हो सकी है। माना जा रहा है कि मरने वालों में ज्यादातर गोंडा और आसपास के इलाकों के ही हैं।
एसएसपी मिलाते रहे सीएमओ को नहीं उठा फोन
रात करीब दो बजे एसएसपी सीएमओ का फोन मिलाते रहे ताकि टीम को बुलाकर शवों को मोरचरी में भिजवाया जाए लेकिन उनका फोन देर तक नहीं उठा। करीब ढाई बजे उनका फोन उठा तब कहीं टीम भेजने के निर्देश मिले। रात करीब पौने तीन बजे तक मौके पर डाक्टरों की टीम पहुंची है।
डीएनए परीक्षण की टीम भी पहुंची
यह पता चलने के बाद कि मौके पर सिर्फ कंकाल हैं डीएनए परीक्षण की टीम को सीएमओ ने भेजा। वह टीम भी ढाई बजे के बाद ही पहुंची और कंकालों से कुछ सुबूत जुटाने की कोशिश की।
फ्यूल टैंक की साइड में टकराने से हादसा हुआ विकराल
दरअसल रोडवेज की बस इन्वर्टिस की बस जब बाईपास पर चढ़ी तो रांग साइड से पूरी तरह घूम रही थी तभी अपनी साइड से आ रहा ट्रक रोडवेज बस से टकराया। ट्रक ने जहां टक्कर मारी वह फ्यूल टैंक था। माना जा रहा है कि उसके बाद ही फ्यूल टैंक धमाके के साथ फट गया और आग ने विकराल रूप ले लिया।
एसएसपी मिलाते रहे सीएमओ को नहीं उठा फोन
रात करीब दो बजे एसएसपी सीएमओ का फोन मिलाते रहे ताकि टीम को बुलाकर शवों को मोरचरी में भिजवाया जाए लेकिन उनका फोन देर तक नहीं उठा। करीब ढाई बजे उनका फोन उठा तब कहीं टीम भेजने के निर्देश मिले। रात करीब पौने तीन बजे तक मौके पर डाक्टरों की टीम पहुंची है।
डीएनए परीक्षण की टीम भी पहुंची
यह पता चलने के बाद कि मौके पर सिर्फ कंकाल हैं डीएनए परीक्षण की टीम को सीएमओ ने भेजा। वह टीम भी ढाई बजे के बाद ही पहुंची और कंकालों से कुछ सुबूत जुटाने की कोशिश की।
फ्यूल टैंक की साइड में टकराने से हादसा हुआ विकराल
दरअसल रोडवेज की बस इन्वर्टिस की बस जब बाईपास पर चढ़ी तो रांग साइड से पूरी तरह घूम रही थी तभी अपनी साइड से आ रहा ट्रक रोडवेज बस से टकराया। ट्रक ने जहां टक्कर मारी वह फ्यूल टैंक था। माना जा रहा है कि उसके बाद ही फ्यूल टैंक धमाके के साथ फट गया और आग ने विकराल रूप ले लिया।
पलभर में सबकुछ खाक हो चुका था
बस चालक की एक गलती ने इतना बड़ा हादसा करा दिया। रात को सूनसान सड़क मानकर उसने रांग साइड से ही बस को घुमाना शुरू कर दिया जिससे यह हादसा हुआ। उधर से गुजर रहे राहगीर और झुलसे लोगों के अनुसार जैसे ही आग लगी पूरी बस आग का गोला बन गई। जो जग रहे थे वे तो खिड़की के रास्ते से निकलने लगे। इसी प्रयास में कई लोग खिड़कियों पर ही जल गए। दो यात्री दरवाजे से निकलने की कोशिश कर रहे थे लेकिन दरवाजा नहीं खुला और वहीं जल गए। कहीं किताबें बिखरी थीं तो कहीं जले हुए बैग किसी कंकाल में मोबाइल मुड़ा हुआ था तो कोई बैग पकडे़े हुए था। पलभर में सबकुछ खाक हो चुका था।
देर रात आईजी पहुंचे
हादसे की खबर के बाद देर रात आईजी एसके भगत भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी पहचान कराने की कोशिश की। देर रात तक पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस कंकालों को भेजने का सिलसिला चलता रहा।
हाईवे पर लगा लंबा जाम
हादसे के बाद एनएच 24 पर जाम लग गया। दरअसल दोनों वाहन देर तक बीचों बीच में जलते रहे थे इसलिए वाहनों को निकलने की जगह नहीं मिली। रात दो बजे के बाद बस और ट्रक को किनारे करके जाम खुलवाने की कोशिश की जा रही थी।
देर रात आईजी पहुंचे
हादसे की खबर के बाद देर रात आईजी एसके भगत भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी पहचान कराने की कोशिश की। देर रात तक पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम हाउस कंकालों को भेजने का सिलसिला चलता रहा।
हाईवे पर लगा लंबा जाम
हादसे के बाद एनएच 24 पर जाम लग गया। दरअसल दोनों वाहन देर तक बीचों बीच में जलते रहे थे इसलिए वाहनों को निकलने की जगह नहीं मिली। रात दो बजे के बाद बस और ट्रक को किनारे करके जाम खुलवाने की कोशिश की जा रही थी।
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