मोदी सरकार अब रेल यात्रियों के लिए एक और ज़बरदस्त तोहफा लेकर आई है. रेलवे की एक नई योजना के तहत आने वाली 1 अप्रैल से आप अगर किसी एक्प्रेस या सुपरफास्ट में वेटिंग टिकट लेते हैं और वो कंफर्म नहीं होता तो आपको राजधानी एस्प्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस या दुरंतों में कंफर्म टिकट मुहैया कराया जाएगा.
क्या है रेलवे की नई 'विकल्प योजना'
ट्रेन से सफ़र के बारे में सोचते ही आपकी सबसे बड़ी फिक्र कंफर्म टिकट मिलने की होती है. अक्सर आप कंफर्म टिकट न मिलने की स्थिति में वेटिंग टिकट भी ले लेते हैं और दूसरों के कैंसिल कराने पर अपना टिकट कंफर्म होने का इंतज़ार करते हैं. रेलवे इस 1 अप्रैल से एक नई योजना लाने की तैयारी में है जिसमें अगर आपका वोटिंग टिकट कंफर्म नहीं होता तो आपको प्रीमियम ट्रेनों की खाली सीटों पर कंफर्म टिकट दिया जाएगा. यानी अब वेटिंग टिकट बीते दिनों की बात हो जाएगी.
कैसे काम करेगी विकल्प सुविधा
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्री को टिकट खरीदने के समय 'विकल्प' सुविधा का चुनाव करना होगा. ऐसा करने पर लंबी वेटिंग के चलते अगर आपकी टिकट कंफर्म नहीं हो पाती तो उसी रूट पर रेलवे आपको दूसरी ट्रेन में कंफर्म टिकट दे देगी.
इस सुविधा में टिकट बुकिंग करने के बाद अगर यात्रियों की टिकट बुक नहीं होती है तो रेलवे की तरफ से यात्रियों के रजिस्ट्रेशन मोबाइल नंबर पर कॉल आयेगा और यात्रियों से खुद विकल्प सुविधा के लिए मंजूरी ली जायेगी. इस सुविधा की खास बात यह है कि विकल्प टिकट के लिए यात्रियों को अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा.
क्या है इस योजना का उद्देश्य
‘विकल्प’ नाम की इस योजना का उद्देश्य राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और अन्य विशेष ट्रेनों की खाली सीटों का सही इस्तेमाल करना है. इस योजना के तहत ऐसे वेटिंग सीट वाले यात्रियों को इन ट्रेनों की खाली सीटों में सीट मुहैया कराना है. विकल्प सुविधा यात्रियों को वेटिंग टिकट की मारामारी के बीच राहत पहुंचाने का काम करेगी.
कुछ ट्रेनों में शुरू की जा चुकी है सुविधा
रेल मंत्रालय की तरफ से पिछले साल ही रेल सुविधा की शुरुआत की गई थी. हालांकि मौजूदा समय में तकरीबन 150 ट्रेनों में यह सुविधा दी जा रही है. लेकिन इसके लिए जरुरी है कि टिकट निकालते समय यात्री विकल्प सुविधा का चयन जरुर करें.
रेलवे के एक अधिकारी ने इस योजना के बारे में कहा कि इसके जरिये वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को कंफर्म सीट मुहैया कराना है और उपलब्ध सीटों को इस्तेमाल करना है. प्रीमियम ट्रेनों में फलेक्सी सिस्टम शुरू किए जाने के बाद से सीटें खाली रह जाती है.
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